किसान भाई आम की फसल को कीटों से बचाएं एवं कीटनाशक का प्रयोग करने में बरतें सावधानी --जिला उद्यान अधिकारी

किसान भाई आम की फसल को कीटों से बचाएं एवं कीटनाशक का प्रयोग करने में बरतें सावधानी --जिला उद्यान अधिकारी

प्रतापगढ 




07.05.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




किसान भाई आम की फसल को कीटों से बचाये एवं कीटनाशक का प्रयोग करने में बरते सावधानी--जिला उद्यान अधिकारी




प्रतापगढ़। जिला उद्यान अधिकारी ने किसान भाईयों से कहा कि जनपद में आम की अच्छी उत्पादकता सनिश्चित करने के दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि आम की फसल को सम-सामयिक रूप से हानिकारक कीटों एवं रोगों से बचाने हेतु उचित समय पर प्रबन्धन किया जाय। फल मक्खी कीट का प्रकोप मई माह से जुलाई तक होता है, जिससे आम की फसल को काफी क्षति होती है। उन्होने बताया है कि आम के फल मक्खी कीट आम के फलों को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचाने वाला कीट है। इस कीट की सूडियां आम के फलों के अन्दर घुस कर गूदे को खाती है, जिससे फल खराब हो जाता है। इस कीट की रोकथाम के लिए मिथाइल यूजिनॉल 0.1 प्रतिशत (1.5 मिली लीटर प्रति लीटर पानी) $ मैलाथियॉन 0.2 प्रतिशत (2.0 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) का घोल बनाकर 8-10 जगह प्रति हेक्टेयर के हिसाब से चौड़े मुॅह की शीशी/डिब्बों में भरकर पेड़ो पर लटका देने से नर मक्खियॉ आकर्शित होकर मैलाथियॉन कीटनाशी के प्रभाव से नष्ट हो जाती है। इस प्रकार आम के फल मक्खी कीट के प्रकोप से बचाव हेतु बागवान भाई सम सामयिक उपाय कर अपनी फसल को सुरक्षित एवं स्वस्थ्य रख सकते है। किसान भाई यह देख लें कि आम फल का रंग हल्का पीला या चाकू से काटने पर आम का गूदा हल्का पीला हो जाये, तो यह खाने लायक हो जाता है। आम को पकाने के लिए बाजार मे इथरल सोल्यूशन उपलब्ध है। सर्वप्रथम आम को ठण्डे पानी से धो लिया जाये, उसके उपरान्त 100 से 500 पी0पी0एम0 (100 मिलीग्राम/लीटर पानी) इथरल अथवा इथेफॉन का सोल्यूशन तैयार करने के उपरान्त आम को 15 मिनट के लिए डुबो दें तत्पश्चात् आम को छाया में सुखाकर कमरे के तापमान पर भण्डारित कर लें। इस प्रकार यह आम 1 से 3 दिन तक में पक कर तैयार हो जाता है। किसान भाइयों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे कृपया आम को ग्रेडेड कर बाजार में बिक्री हेतु ले जायें। इससे उन्हें अच्छे दाम प्राप्त होंगे।

जिला उद्यान अधिकारी ने कीटनाशक के प्रयोग में बरती जाने वाली सावधानियॉ के सम्बन्ध में बताया है कि कीटनाश्क के डिब्बों को बच्चों व जानवरों की पहुँच से दूर रखना चाहिए, कीटनाशक का छिड़काव करते समय हाथों में दस्ताने, मुँह को मास्क व आँखों को चष्मा पहनकर ढक लेना चाहिए, जिससे कीटनाशी त्वचा व आँखों में न जाय, कीटनाशक का छिड़काव शाम के समय जब हवा का वेग अधिक न हो तब करना चाहिए अथवा हवा चलने की विपरीत दिशा में खड़े होकर करना चाहिए एवं कीटनाशक के खाली पाउच/डिब्बों को मिट्टी में दबा देना चाहिए।

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