रावण-बाणासुर संवाद सुन रोमांचित हो उठे दर्शक व राम भक्त

रावण-बाणासुर संवाद सुन रोमांचित हो उठे दर्शक व राम भक्त

प्रकाश प्रभाव न्यूज़



कौशाम्बी। 30-10-2021



मिथलेश कुमार (मोनू साहू)

असि ब्योरों कौशाम्बी




रावण-बाणासुर संवाद सुन रोमांचित हो उठे दर्शक व राम भक्त



कौशाम्बी। नगरपालिका परिषद भरवारी का ऐतिहासिक 10 दिवसीय रामलीला कार्यक्रम मे जय श्री काशी रामलीला मंडली वाराणसी के आए कलाकारों ने रावण-बाणासुर संग्राम का शानदार मंचन किया। मिथिला के राजा जनक के आमंत्रण पर राम- लक्ष्मण विश्वामित्र के साथ राजा जनक के यहां सीता स्वयंवर में पहुंचते हैं। राम, लक्ष्मण के सौंदर्य को देख वहां सभी मोहित हो जाते हैं। इसी बीच लंकापति रावण बिना आमंत्रण सीता स्वयंवर में पहुंचता है। यह देखकर सभापति बाणासुर रावण का परिचय पूछते हैं।


बाणासुर के रावण से परिचय पूछते ही वह क्रोध से तमतमा उठता है और फिर यहीं से रावण और बाणासुर का संवाद शुरू होता है। लंकापति रावण सीता स्वयंवर के लिए आमंत्रण न मिलने पर राजा जनक पर क्रोधित होता हैं। निमंत्रण न दिए जाने का कारण पूछता है। जनक कहते हैं कि समुंदर पार लंका जाना संभव नहीं था। इसीलिए निमंत्रण नहीं भेज सके। तो रावण और क्रोधित हो जाता है और कहता है कि अगर आप ने समुद्र में एक पत्र भी डाल दिया होता तो समुंद्र में इतना साहस नहीं होता कि हम तक वह न पहुंचा देता। उसके पश्चात सीता स्वयंवर में आये रावण सहित तमाम राजाओं ने धनुष तोड़ने की पूरी कोशिश की, पर वह हिला तक ना सके। राजा जनक की चिता बढ़ जाती है। श्री रामलीला कमेटी की अध्यक्ष सुभाष चंद गुप्ता, महामंत्री संतोष कुमार सोनी व राम लीला कमेटी के मेला संयोजक शंकर लाल केसरवानी, कोषाध्यक्ष सुधीर केसरवानी व पंकज केसरवानी, जीतू केसरवानी, भगवान ‌दास कौशल, गोपाल जी सरार्फा वाले ,भगवान दास कौशल, राजकुमार केसरवानी, अतिन केसरवानी, अमित गुप्ता, धीरज चौरसिया, सोहन चौरसिया सहित तमाम नगर के लोग मौजूद रहे, व सैकड़ो की संख्या मे रामभक्त उपस्थित रहे।

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