रिटायर्ड प्रभारी रजिस्ट्रार कानूनगो के खिलाफ दर्ज हुआ धोखाधड़ी का मुकदमा

रिटायर्ड प्रभारी रजिस्ट्रार कानूनगो के खिलाफ दर्ज हुआ धोखाधड़ी का मुकदमा

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रिटायर्ड प्रभारी रजिस्ट्रार कानूनगो के खिलाफ दर्ज हुआ धोखाधड़ी का मुकदमा


-उपजिलाधिकारी के आदेश अनुसार दर्ज कराया गया मुकदमा


मोहनलालगंज

शशांक मिश्रा

मोहनलालगंज। मोहनलालगंज तहसील में काफी समय तक लेखपाल और उसके बाद प्रभारी रजिस्ट्रार कानूनगो के पद पर रहे उमाशंकर वर्मा के खिलाफ वर्तमान रजिस्ट्रार कानूनगो  ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।

मोहनलालगंज तहसील के रिटायर्ड नटवरलाल लेखपाल और प्रभारी रजिस्ट्रार कानूनगो का खेल उजागर हो गया। तहसील के समेसी की करोड़ों की बेशकीमती जमीन तक़रीबन 16 बीघे से अधिक पर  फर्जी तरीके से अन्य व्यक्ति के नाम दर्ज कर दिया।

वर्तमान रजिस्ट्रार कानूनगो अशोक कुमार पाण्डेय ने उप जिलाधिकारी मोहनलालगंज के पत्र का हवाला देते हुए मोहनलालगंज कोतवाली में एफ आई आर दर्ज कराई कि उमाशंकर वर्मा पुत्र भभूती प्रसाद निवासी ग्राम करोरवा परगना व तहसील मोहनलालगंज लखनऊ वर्तमान में तहसील मोहनलालगंज से लेखपाल  पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं रजिस्ट्रार कार्यालय में अपनी तैनाती के दौरान अपनी डिजिटल की का प्रयोग फर्जी तरीके से करके कूट रचित आदेश का अंकन ग्राम समेसी  खाता संख्या 599 पर अंकित किया गया जो इनके कर्तव्य के विरुद्ध है और अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुए राजस्व अभिलेखों में छेड़छाड़ की गई है।

रिटायर्ड कानूनगो ने पहला आदेश फसली खाता संख्या-02400 की गाटा संख्या- 4415-स./0.41 हे0 के व दूसरा आदेश फसली खाता संख्या-01672 की गाटा संख्या-937/0.2110 हे0 के लिए आदेश की वाद संख्या का प्रयोग कर, आदेश को तोड़ मरोड़ कर फसली खाता संख्या-599 के कुछ गाटों में दर्ज किया गया।जिस फसली संख्या पर वाद आदेश दर्ज किया गया, उस खातेदार द्वारा कोई वाद इस संबंध में दायर ही नही किया गया।

बिना खातेदार के बाद दाखिल किए आदेश खतौनी पर अंकित किया।

तहसील के नियमों के अनुसार जब कोई आदेश किसी न्यायालय द्वारा किया जाता है उसके बाद उस आदेश को रजिस्ट्रार कानूनगो द्वारा आर 6 पर दर्ज करके डिजिटल की के माध्यम से खतौनी पर ऑनलाइन दर्ज किया जाता है किंतु वर्तमान व्यवस्था में सरकार द्वारा आर 6 पर दर्ज कराने के बजाय सीधे डिजिटल की के माध्यम से रजिस्ट्रार कानूनगो के द्वारा संबंधित खाते की खतौनी पर अंकित करने की व्यवस्था की है जिसका लाभ उठाकर भ्रष्ट कानूनगो ने फर्जी आदेशों का हवाला देकर खतौनी में नाम अंकित करा दिया।

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