रैन बसेरा भगवान भरोसे

रैन बसेरा भगवान भरोसे

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज 

रिपोर्टर - राजीव आनंद

रैन बसेरा भगवान भरोसे

प्रयागराज। जहां पूरा उत्तर भारत शीतलहर और कड़ाके की ठंड से  ठिठुर रहा है वहीं प्रयागराज प्रशासन द्वारा बनाये गए अस्थाई रैन बसेरों की हालत अत्यन्त दयनीय है। संगम नगरी में बने अस्थाई रैन बसेरों में छमता से अधिक लोग रह रहे है। ऐसा ही कुछ नजारा कल रात देखने को मिला। सिविल लाइन के रैन बसेरों का हाल ऐसा है जहां 20 की छमता वाले इस रैन बसेरों में 60 से 70 लोग भूसे की तरह पड़े है। महामारी के इस दौर में जब दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी का नारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ की तरफ से कई बार दिया जा चुका है फिर भी ऐसी चूक वाकई डराने वाली है। गरीबों, असहाय और लाचार लोगो के लिए बनाए गये हैं। इन रैन बसेरों पर फिलहाल प्रयागराज परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों का कब्जा है। अब सवाल यह उठता है कि इस महामारी में भी सोशल डिस्टेंसिंग का यह नजारा आखिर प्रशासन के उन अधिकारियों को क्यों नहीं दिखता जिनके ऊपर सामाजिक समस्याओं को दूर करने और उससे निजात दिलाने का है।

       हाड़ कंपाने वाली इस ठंड में भी रैन बसेरों में सब के लिए कंबल तक नहीं मिल पा रहा है और ना ही पीने के लिए पानी है। दूर-दूर से यहां पहुचे लोगों ने बताया कि वो घर से एक पतला कंबल लेकर आये थे यहाँ उन्हें कुछ नही दिया गया और ना ही पीने के लिए पानी की कोई व्यवस्था है। एक रैन बसेरा में जहां 20 लोगों के रुकने की व्यवस्था है वहां 70 लोग ऐसी हालत में रहेंगे तो कोरोना जैसी महामारी पर कैसे होगा नियंत्रण।

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