इस बार आसान नहीं है कैबिनेट मंत्री का विधान सभा पहुंचने की राह
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 20 February, 2022 18:53
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प्रतापगढ
20.02.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
इस बार आसान नहीं है कैबिनेट मंत्री का विधान सभा पहुंचने की राह
प्रतापगढ।जनपद के विधान सभा क्षेत्र पट्टी में जहां सत्तापक्ष के उम्मीदवार पर विपक्षी दलों का आरोप है कि बीस हजार से अधिक पटेल, यादव व मुस्लिम समाज के मतदाताओं का वोटर लिस्ट से नाम हटाया गया है,वहीं ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने के लिए पूर्व मंत्री प्रो शिवाकांत ओझा को मंत्री मोती सिंह चुनाव प्रचार में ढाल बनाकर पट्टी क्षेत्र में उतार दिए हैं और बीरापुर से पूर्व विधायक एवं वर्ष-2009में भाजपा से लोकसभा प्रत्याशी लक्ष्मी नारायण पाण्डेय "गुरूजी " को भी चुनाव प्रचार में उतारने की बनाई गई है,रणनीति।प्रतापगढ़ जनपद में सात विधानसभाओं में पट्टी, रानीगंज पर ही भाजपा अपना उम्मीदवार वर्ष-2017 के चुनाव में उतारी थी और मोदी लहर में दोनों सीटों पर भाजपा की जीत भी हुई थी। सदर प्रतापगढ़ और विश्वनाथगंज विधानसभा की सीट भाजपा अपने सहयोगी पार्टी अपना दल एस के खाते में दे दिया था और उन दोनों सीटों पर भाजपा और अपना दल एस का संयुक्त प्रत्याशी वर्ष-2017 में जीतकर विधानसभा पहुँचे थे।परन्तु इस बार भाजपा सदर प्रतापगढ़ से भी अपना प्रत्याशी राजेन्द्र मौर्य को उतारा है। भाजपा के नेता अपनी तीनों सीटें बचाने के लिए ठंडी में भी पसीने बहा रहे हैं। विशेष रूप से सबसे अधिक चुनौती पट्टी विधानसभा की सीट पर भाजपा के शीर्ष नेताओं की नजर है, क्योंकि यह सीट से योगी के ताकतवर मंत्री मोती सिंह की सीट है और उनकी यह सीट उनकी साख से जुड़ी हुई है।पट्टी विधानसभा की बात करें तो यहाँ भाजपा प्रत्याशी मोती सिंह और सपा प्रत्याशी रामसिंह पटेल में सीधी यानि आमने-सामने टक्कर होती दिख रही है। वहीं बसपा और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि अपनी हार देखते हुए भाजपा प्रत्याशी मोती सिंह द्वारा पटेल, यादव, और मुस्लिम समाज सहित अन्य बिरादरी के लगभग 20 हजार से लेकर 25 हजार तक के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से जानबूझकर कटवाया गया है जो लोकतंत्र के लिए निंदनीय है। अपनी हार देखते हुए भाजपा के प्रत्याशी मोती सिंह को यह खेल करना पड़ा, फिर भी वह सफल नहीं हुए हैं। लेकिन भाजपा सरकार में रहे कैबिनेट मंत्री द्वारा जिस तरह से ब्राह्मण समाज, दलित समाज सहित अन्य समाज के लोगों का उत्पीड़न किया गया है, वह लोकतंत्र में स्वीकार नहीं किया जाता। यह तो राजतंत्र में आता है कि प्रजा को राजा के खिलाफ बोलने का अधिकार नहीं होता। राजा भले ही जनता पर अन्याय और जुल्म का कहर बरपाये, परन्तु जनता उसे सहज स्वीकार करे।विपक्षी दलों के उम्मीदवारों का कहना है कि इसका बदला पट्टी की देवतुल्य जनता जनार्दन लेने के लिए 27 फरवरी मतदान के दिन का इंतजार कर रही है। बसपा प्रत्याशी फूलचंद मिश्र ने क्षेत्र में भ्रमण के दौरान लोगों से बात करते हुए कहा कि भाजपा प्रत्याशी मोती सिंह अपनी हार स्वीकार कर चुके है और घबराहट में अनाप-शनाप वक्तव्य दे रहे हैं। ग्राम प्रधानों तथा मतदाताओं को डरा धमका कर वोट लिये जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। वोट न देने पर कैबिनेट मंत्री के समर्थकों द्वारा यह कहा जा रहा है कि चुनाव के बाद सभी से इसका बदला लिया जाएगा। पट्टी विधानसभा में अपना गढ़ बचाने के लिए कैबिनेट मंत्री को पसीने छूट गए हैं। ब्लॉक में अपने प्रमुखों को बैठाकर प्रधानों के खाते से जबरन सरकारी धन निकाल कर प्रचार में लगाया जा रहा है। उधर सपा उम्मीदवार रामसिंह पटेल के पक्ष में आसपुर देवसरा से लेकर मंगरौरा तक सभी पिछड़ी जातियां और मुस्लिम एकजुट हो रहे हैं और अपने वजूद को बचाने के लिए एक राय होकर सपा उम्मीदवार रामसिंह पटेल के पक्ष में मतदान करने की कसमें खा रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार मोती सिंह क्षत्रिय मतदाताओं को लुभाने के लिए देश के रक्षामंत्री एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह को आज पट्टी की धरती पर बुलाकर चुनाव अपने पक्ष में मोड़ने के जुगत में लगे हैं।
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