पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी व महत्वपूर्ण संस्थानों की बिक्री कपर गहरी चोट--प्रमोद तिवारी
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 15 February, 2021 18:54
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प्रतापगढ
15.02.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
पेट्रोलियम पदार्थों के दामों मे लगातार बढ़ोत्तरी व महत्वपूर्ण संस्थानों की बिक्री अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट- प्रमोद तिवारी
केन्द्रीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य एवं यूपी आउटरीच तथा कोआर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने डीजल तथा पेट्रोल व रसोई गैस के दामों मे मूल्य वृद्धि को अभूतपूर्व ठहराते हुए इसे आम जनता और किसानो की जेब पर खुला डांका करार दिया है। श्री तिवारी ने कहा कि दुनिया की बाजार मे कच्चे तेल की कीमत 60.74 डॉलर प्रति बैरल है। इसके बावजूद मध्य प्रदेश मे मौजूदा प्रीमियम पेट्रोल की कीमत जहां सौ रूपये पार कर गई है, वहीं मुम्बई तथा दिल्ली और लखनऊ मे भी पेट्रोल तथा डीजल के दाम सौ रूपये प्रतिलीटर के आंकडे छूने की स्थिति मे आ गये है। सीडब्लूसी मेंबर ने इसे केंद्र सरकार के प्रबंधन की सबसे खराब दौर ठहराते हुए कहा कि मूल्य वृद्धि ने स्पष्ट कर दिया है कि मोदी सरकार के सहयोग से आम जनता पर खुली लूट के लिए खुली छूट दे दी गई है। सोमवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी बयान मे श्री तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार ने डीजल तथा पेट्रोल का दाम डेढ़ गुना अधिक बढ़ा दिया है। ऐसे मे खेती की लागत कम करने और किसान की आय दोगुना करने के अपने वायदे के विपरीत यह सरकार सिंचाई, मड़ाई और माल ढुलाई मे स्वाभाविक मंहगाई थोपने पर अमादा है। केंद्र सरकार एक तरफ तो किसान विरोधी तीन-तीन काले कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी नीयति का खराब प्रदर्शन कर रही। वहीं बकौल प्रमोद तिवारी मोदी सरकार के द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाले महत्वपूर्ण संस्थानों के लगातार बिक्री से अर्थव्यवस्था भी संकट का सामना कर रही है। श्री तिवारी ने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत पेट्रोलियम, एयर इण्डिया, भारत संचार निगम लिमिटेड, बीईएमएल, स्कूटर्स इण्डिया जैसे कई महत्वपूर्ण संस्थानों के बिक जाने से देश की आर्थिक छवि को लेकर अंर्तराष्ट्रीय बाजार मे भी भारत की छवि को धक्का लग रहा है। सीडब्लूसी मंेबर प्रमोद तिवारी ने सरकार से सवाल उठाया कि यदि किसान उससे सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य को लोकसभा मे पारित कानूनों का हिस्सा बनाए जाने की मांग कर रहे है तो अगर किसानों के प्रति सरकार की नीयति साफ है फिर उसे यह गारण्टी देने पर किस बात की परेशानी हो रही है। उन्होनें कहा कि कृषि बिल मे किसान के खेत के अनुबंध होने की स्थिति मे वह न तो स्वयं उस खेत पर स्वतंत्र मालिकाना हक रख सकेगा और न ही अपनी आवश्यकता के तहत वह कर्ज लेकर टैªक्टर की खरीद या टयूबबेल लगा सकेगा। चीन के मसले पर भी केंद्र की घेराबंदी करते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार आज तक भारतीय सेना के पराक्रम के अदभुत प्रदर्शन के बावजूद सीमा रेखा को लेकर देश के सामने आधिकारिक स्थिति बयां नही कर पा रही है। उन्होनें कहा कि या तो सरकार वास्तविक स्थिति स्पष्ट करे अथवा देश के स्वाभिमान को गिरवी रखने के लिए राष्ट्र से क्षमायाचना करें। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य प्रमोद तिवारी ने पुलवामा की वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री के द्वारा शहीदों को देश के सामने श्रद्धाजलि अर्पित करने पर भी तंज कसते हुए कहा कि पीएम अब तो शहीदों के परिजनो को सही मायने मे जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने की पहल करें।
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