परिवार का बोझ उठाने को मजबूर है छात्र

परिवार का बोझ उठाने को मजबूर है छात्र

Prakash prabhaw news

परिवार का बोझ उठाने को मजबूर है छात्र

 

मोहनलालगंज

शशांक मिश्रा


मोहनलालगंज लखनऊ तहसील क्षेत्र बैरीसालपुर  में रहने वाले त्रिभुवन चौरसिया जो 14 वर्ष पढ़ाई कर रहा रहा था । लेकिन लाक डाउन की मार के कारण इतना बेबस हो गया  की खुद साइकिल पर सब्जी रखकर बेचने को मजबूर होगया । त्रिभुवन जिसकी उम्र अभी खेलने और पढ़ने की  है। और इसकी उम्र के बच्चे अभी कोई काम ना करके पढ़ाई के साथ साथ खेलने में मशगूल रहते हैं। लेकिन इस नन्हे बच्चे ने लाक डाउन के कारण घर में खाने के लाले पड़ने के कारण खुद सब्जी बेचने के लिए मजबूर हो गया। त्रिभुवन ने बताया कि इसके पिता लॉक डाउन के कारण कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। जिसके कारण घर में खाने-पीने के लाले पड़ रहे थे। इसी कारण हमसे अपने घर की स्थित देखी नहीं गई। और हमने साइकिल में सब्जी रखकर खुद क्षेत्र में बेचने का काम शुरू कर दिया। जिससे हम कुछ पैसा कमा कर अपना व अपने घर लोगों के लिए रोटी की व्यवस्था कर सकें। मात्र 14 वर्ष की आयु में सब्जी बेचकर अपने परिवार का और अपना पेट भरना कितना मुश्किल काम है। यह हर आदमी समझ सकता है। इस लॉक डाउन से  इतना बुरा प्रभाव पड़ा है। कि लगभग हर आदमी इस लाक डाउन के कारण परेशान हो गया है। इस लाक डाउन की मार ज्यादातर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ी है जिससे सबसे ज्यादा परेशान गरीब वर्ग के लोग ही हैं सरकार की तरफ से किए गए कार्यों से भी गरीब लोगों को काफी मदद पहुंची है। लेकिन इसके बावजूद भी गरीब वर्ग सबसे ज्यादा परेशान हैं। उसी गरीब में यह नन्हा बच्चा त्रिभुवन भी है। जो साइकिल पर सब्जी रखकर गांव गांव जाकर सब्जी बेचकर अपना व अपने परिवार का पेट भर रहा है। इस नन्हे बच्चे के हौसले व हिम्मत की सभी लोग जहां एक ओर तारीफ कर रहे है ,दूसरी ओर उसकी शिक्षा प्रभावित हो रही है ।

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