प्रयागराजः लव जेहाद समेत तमाम मुद्दों पर आरएसएस का दो दिवसीय मंथन आज से, योगी हो सकते हैं शामिल।

प्रयागराजः लव जेहाद समेत तमाम मुद्दों पर आरएसएस का दो दिवसीय मंथन आज से, योगी हो सकते हैं शामिल।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

रिपोर्टर :ज़मन अब्बास

दिनांक : 22/11/2020

प्रयागराज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की दो दिवसीय बैठक रविवार से शुरू होने जा रही है। यमुनापार के वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल गौहनिया में आयोजित इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी समेत आदि पदाधिकारी शिरकत करेंगे। दो दिन चलने वाली बैठक में लव जिहाद रोकने, पर्यावरण, जल संरक्षण, सामाजिक समरसता, पॉलिथिन का प्रयोग कम करने जैसे मुद्दों पर मंथन होगा। बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ के भी शामिल होने की संभावना है, हालांकि शनिवार की देर शाम तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हो सकी।

दरअसल आरएसएस की कार्य पद्धति में हर वर्ष अपने कार्यों की समीक्षा एवं भावी कार्ययोजना तैयार की जाती है। इसके लिए दिवाली के आसपास अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक होती है, लेकिन इस बार कोविड-19 की वजह से संघ ने अखिल भारतीय स्तर की जगह क्षेत्र के अनुसार बैठक कराने का निर्णय लिया। यह बैठक देश के 11 स्थानों पर आयोजित की जा चुकी है। पश्चिम यूपी क्षेत्र की बैठक दो दिन पहले ही गाजियाबाद में संपन्न हुई। इसके पूर्व जयपुर में भी संघ के पदाधिकारियों की बैठक हुई।

इसी कड़ी में अब प्रयागराज में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की बैठक 22 एवं 23 नवंबर को होने जा रही है। इसमें काशी, अवध, गोरक्ष एवं कानपुर क्षेत्र के प्रमुख पदाधिकारी शिरकत करेंगे। संघ सूत्रों के अनुसार दो दिवसीय बैठक में आठ सत्र होने की संभावना है। पहले दिन पांच सत्र व दूसरे दिन तीन सत्र हो सकते हैं। आखिरी सत्र में ही संघ प्रमुख का मुख्य संदेश जारी होगा। बैठक में सर सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मनमोहन जी, वैद्यमुकुंद, अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख सुरेश चंद्र, अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख राजकुमार मटाले, प्रचार प्रमुख डॉ. अरुण कुमार भी शिरकत करेंगे। 

राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने किया विशेष संपर्क

संघ के तमाम राष्ट्रीय पदाधिकारी शनिवार की दोपहर ही प्रयागराज पहुंच गए। यहां दोपहर सर सहकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी, डॉ. कृष्ण गोपाल आदि पहुंच चुके थे। इस दौरान स्थानीय स्तर पर राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने कुछ चुनिंदा लोगों से मुलाकात भी की। कुछ देर के लिए भैयाजी जोशी सिविल लाइंस स्थित संघ कार्यालय भी गए। वहां उन्होंने संघ के पुराने पदाधिकारियों से भी मुलाकात की। 

पुख्ता हुए सुरक्षा के इंतजाम 

यमुुनापार स्थित गोहनिया में वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल के  आसपास का क्षेत्र शनिवार को ही छावनी में तब्दील हो गया। इस दौरान यहां काफी संख्या में पुलिस के जवान तैनात हो गए। स्कूल परिसर के आसपास भी किसी को नहीं आने जाने दिया। दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान है। उधर, कार्यक्रम स्थल पर सीएम के भी आने की संभावना है। ऐसे में जिला प्रशासन वहां सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की कोताही बरतने के मूड में नहीं है।

विहिप पदाधिकारी भी करेंगे शिरकत

संघ की दो दिन चलने वाली बैठक में पर्यावरण, राममंदिर निर्माण में हर एक हिंदू की सहभागिता के लिए चंदा संग्रह, जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रभावी कानून बनाया जाना, जल संरक्षण, पॉलिथिन का प्रयोग कम करने जैसे मुद्दों पर संघ पदाधिकारी चर्चा करेंगे। इसके अलावा सामाजिक समरसता, कोरोना के दौरान बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार कैसे मिले? साथ ही ऐसे स्वयंसेवक जो बेरोजगारों को रोजगार दे सकते हैं या आर्थिक मदद दे सकते हैं उनसे भी संघ के पदाधिकारी आग्रह करेंगे कि वह इस कार्य में बढ़कर हिस्सेदारी लें। संघ का कुटुंब प्रबोधन पर भी जोर है। संघ के सूत्रों का कहना है कि भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार की पंरपरा रही है, लेकिन वर्तमान दौर में संयुक्त परिवार की परंपरा में कमी देखने को मिल रही है। इसलिए संघ का संयुक्त परिवार पर विशेष जोर है। देश में बढ़ रही जनसंख्या के नियंत्रण पर भी संघ का जोर है। ऐसे में दो दिवसीय बैठक में जनसंख्या नियंत्रण पर भी संघ पदाधिकारी चर्चा कर सकते हैं। दो दिवसीय बैठक के एक सत्र में विहिप के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। इसमें राम मंदिर निर्माण को लेकर धन संग्रह किस तरह से हो और धर्मांतरण रोकने के लिए मंथन किया जाएगा।

गांव-गांव तक शाखा पहुंचाने का लक्ष्य

आरएसएस का लगातार विस्तार हो रहा है। संघ की मंशा है कि हर गांव में शाखा लगे। संघ 2025 में अपना शताब्दी वर्ष भी मनाने जा रहा है। इसे ध्यान में रखकर संघ का जोर है कि हर गांव में उसकी शाखा लगे। संघ ने ग्रामीण इलाके की एक और शहर की तीन प्रतिशत आबादी को स्वयं सेवक बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में हर न्याय पंचायत में एक शाखा का लक्ष्य पूरा हो चुका है ।

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