प्रयागराज के सभी थानों में कैमरे लेकिन रिकार्ड सुरक्षित नहीं!

प्रयागराज के सभी थानों में कैमरे लेकिन रिकार्ड सुरक्षित नहीं!

प्रयागराज के सभी थानों में कैमरे लेकिन रिकार्ड सुरक्षित नहीं!

प्रयागराज:

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी थानों में सीसीटीवी कैमरा तो लग गया लेकिन उसका रिकार्ड चेक करने वाला कोई नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने जनसूचना अधिकार के तहत थानों में लगे कैमरों की रिकार्डिंग की जानकारी मांगी तो गोलमोल जवाब मिला। अधिवक्ता का दावा है कि थानों में लगे कैमरों की फुटेज सुरक्षित नहीं है। इसके बारे में पुलिस के आलाधिकारी भी जवाब नहीं दे सके।

जबकि थानों पर पुलिसिया उत्पीड़न रोकने के लिए ही सुप्रीम कोर्ट ने सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य किया था । प्रयागराज में तीन दिन पहले ही थाना कोरांव में पुलिसिया उत्पीड़न का एक मामला सामने आया था। इस मामले में वीडियो वायरल होने पर संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया था। यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया है कि उनके आदेश का पालन हो रहा है। उन्होंने प्रयागराज पुलिस से सूचना अधिकार अधिनियम के तहत पूछा था कि प्रयागराज के थानों में लगे सीसीटीवी की फुटेज कितने दिनों तक सुरक्षित रखा जाना अनिवार्य है।

दूसरा प्रयागराज के थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज वर्तमान समय में कितने दिनों तक सुरक्षित रखा जा रहा है। तीसरा यह था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 18 महीनों तक रिकार्डिंग सुरक्षित है या नहीं। इन सवालों पर गोलमोल जवाब मिला है। थानों की रिकार्डिंग के बारे में नीतिगत प्रकरण बता दिया।

दूसरा पुलिस ऑफिस के पास सभी थानों की सूचना संकलित नहीं है और 18 महीना डेटा सुरक्षित करने के सवाल पर यह कहते हुए जानकारी नहीं दी गई कि सूचना अधिकार अधिनियम 2015 की धारा 4-2 के अंतर्गत प्रश्नोत्तर रूप में वांछित सूचना दिए जाने का प्राविधान नहीं है।

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