प्रयागराज: अंदावा से लेकर हंडिया तक का मार्ग होगा फोर लेन टूटेंगे सैकड़ों घर।

प्रयागराज: अंदावा से लेकर हंडिया तक का मार्ग होगा फोर लेन टूटेंगे सैकड़ों घर।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

रिपोर्ट :ज़मन अब्बास

दिनांक :27/11/2021

प्रयागराज : प्रयागराज के जीटी रोड अंदावा से हंडिया होकर वाराणसी और मिर्जापुर जाने वालों की राह जल्द ही आसान होने जा रही है । शासन ने ओल्ड जीटी रोड के चौड़ीकरण का फैसला लिया है। इसके लिए अपनी तरफ से हरी झंडी दिखा दी है। जल्दी ही टेंडर होने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। यह मार्ग अंदावा से लेकर हंडिया तक फोर लेन होने जा रहा है। 

लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता केके पहूजा ने बताया कि ओल्ड जीटी के चौड़ीकरण का प्रस्ताव पहले से ही शासन के समक्ष भेजा गया था लेकिन उस पर अब जाकर स्वीकृति मिली है। इस परियोजना पर कुल 212 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अंदावा से हंडिया तक की कुल दूरी 22 किलोमीटर है। यानी कुल 22 किलोमीटर की दूरी तक फोर लेन बनाया जाएगा। अभी यह रोड दो लेन की है। कहीं-कहीं पर इसकी चौड़ाई केवल सात मीटर ही है।

इस वजह से सरायनाइत, हनुमानगंज, सैदाबाद और हंडिया में अक्सर लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इस वजह से इसके चौड़ीकरण का प्रस्ताव दो साल पहले ही भेजा गया था। शासन ने हाल ही में उसकी मंजूरी दे दी है। अब टेंडर प्रक्रिया पूरी कर कार्य शुरू किया जाएगा। हालांकि, उसके पहले ओल्ड जीटी के चौड़ीकरण के दायरे में आ रहे बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर, तार, पानी की पाइप लाइन, नाले आदि का शिफ्ट किया जाएगा। उसके बाद चौड़ीकरण का काम शुरू किया जाएगा।

शहर से अंदावा तक ओल्ड जीटी रोड फोर लेन बनी हुई है। कुंभ 2018-19 के दौरान रोड का चौड़ीकरण किया गया था। उसी तरह अब इसे आगे अंदावा से हंडिया तक फोर लेन बनाया जाएगा। ओल्ड जीटी रोड हंडिया से नेशनल हाईवे से जुड़ा है। पिछले साल दीपावली पर ही उसका निर्माण कार्य पूरा कराया गया है। हंडिया तक फोर लेन बन जाने के बाद प्रयागराज शहर से हंडिया, भदोही, वाराणसी, मिर्जापुर आने-जाने वाले लोगों की राह आसान हो जाएगी।

अंदावा से हंडिया तक ओल्ड जीटी रोड के फोर लेन किए जाने से रास्ते में पड़ने वाले सैकड़ों मकान टूटेंगे। सबसे अधिक मकान हनुमानगंज और सैदाबाद में इसकी जद में आ रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फोर लेन बनाए जाने के लिए पहले ही सर्वे कर लिया गया है। टूटने वाले मकानों की मार्किंग भी कर दी गई है। चौड़ीकरण की जद में आने वाले कुछ लोग खुद ही मकान छोड़कर हट रहे हैं।

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