जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में प्रमोद के बड़े राजनीतिक फैसले के ऐलान से चढा सियासी पारा

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में प्रमोद के बड़े राजनीतिक फैसले के ऐलान से चढा सियासी पारा

प्रतापगढ 


30.06 2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में प्रमोद के बड़े राजनीतिक फैसले के ऐलान से चढ़ा सियासी पारा

 


बेल्हा की सियासत में बुधवार को एक और बड़े राजनीतिक फैसले के ऐलान से सियासी तापमान सिर चढ़कर बोल उठा है। जिला पंचायत अध्यक्ष के अहम चुनाव मे बुधवार को दिग्गज कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार माधुरी पटेल को समर्थन के बडे फैसले का प्रेस कांफ्रेंस के जरिए ऐलान किया। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष के माधुरी पटेल के नामांकन के दिन प्रमोद तिवारी के प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी की मौजूदगी के बाद से ही जिले मे प्रमोद तिवारी के माधुरी पटेल के पक्ष में समर्थन को लेकर कयास लगने लगा। बुधवार को कांग्रेसी गढ़ रामपुरखास के क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना का कैम्प कार्यालय इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव मे माधुरी पटेल के प्रमोद तिवारी के समर्थन के फैसले का दमदार केंद्र नजर आया। प्रमोद तिवारी के साथ मौजूद दर्जन भर जिला पंचायत सदस्यो की उपस्थिति से अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव मे प्रतापगढ़ मे विजय का सियासी रथ माधुरी पटेल की तरफ तेजी से बढ़ता दिखने लगा है। वहीं बेल्हा की सियासत में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मे करिश्माई सियासत दा प्रमोद तिवारी तथा राजा भईया के सियासी समीकरण अब एक होने से प्रतापगढ़ मे जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर माधुरी पटेल की जीत का रास्ता एकतरफा साफ नजर आने लगा है। बेल्हा की सियासत इस बात से बखूबी परिचित है कि प्रमोद तिवारी जिले की सियासत के एक ऐसे मजबूत स्तम्भ है कि इन चुनावों मे भी उनकी भूमिका सदैव अहम बनकर ही उभर आया करती है। बुधवार को प्रमोद तिवारी के राजा भइया समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष पद की उम्मीदवार माधुरी पटेल के पक्ष में जिला पंचायत सदस्यो के साथ भरी प्रेस कांफ्रेन्स मे ऐलान होते ही सूरज ढलते ढलते जिले का सियासी पारा सत्तारूढ भाजपा के सियासी दंगल में भी बडी हलचल पैदा कर गया दिखा। हालांकि प्रेसवार्ता में भी प्रमोद तिवारी को एक माहिर बडे सियासत दा की मजबूत पारी खेलते आज फिर देखा गया। अपने समर्थन की वजह सत्तारूढ़ भाजपा के एक स्थानीय जिलास्तरीय प्रतिनिधि पर रामपुरखास के विकास को रोकने का तर्क रखते हुए प्रमोद तिवारी ने जिले से सरकार के दोनों मंत्रियो और सूबे के मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन को मौजूदा चुनाव मे किसी भी प्रकार के दबाव न बनाए जाने की भी क्लीन चिट देते दिखे। प्रमोद तिवारी के जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर माधुरी पटेल के समर्थन का ऐलान होने के बाद सियासत की अंदरूनी गली में अब सपा को जिले मे इस चुनाव में रस्म अदायगी तक सिमटते देखा जा रहा है। वहीं जनसत्ता दल लोकतांत्रिक तथा भाजपा के बीच सीधे शुरू हुई अब जंग की पटकथा मे भी भाजपा को प्रतापगढ़ मे जीत की राह में प्रमोद के छोडे गये सियासी तीर से कांटे ही कांटे चुभने का अंदेशा भी सताने लगा है। सियासी सूत्र जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में राजा भइया के साथ सदस्यों के मजबूत आंकडे को यूं तो पहले भी दमखम के साथ आंकते रहे किंतु अब दिग्गज प्रमोद तिवारी के भी राजा भइया समर्थित उम्मीदवार के समर्थन की घोषणा के बाद से बेल्हा की जिला पंचायत मे अध्यक्ष की कुर्सी इस बार भी भाजपा के हाथ से खिसक उठी भी आंकी जाने लगी है। परिणाम तो तीन जुलाई को जो भी आयेगा किंतु बुधवार को रामपुरखास के राजनीतिक फैसले को सियासत मे तीर का एक बडा तुक्का करार दिया जा रहा है। जो भी हो बेल्हा की राजनीति को लखनऊ तथा दिल्ली तक में अपनी सियासी हनक से अलग पहचान बनाने वाले प्रमोद तिवारी का सियासी फैसला बुधवार से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव मे काफी हद तक फैसले की पटकथा की हकीकत बयां कर गया है।

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