ऑनलाइन कविगोष्ठी का शुभारम्भम किया गया

ऑनलाइन कविगोष्ठी का शुभारम्भम किया गया

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

हरदोई


ऑनलाइन कविगोष्ठी का शुभारम्भम किया गया 


लॉक डाउन में साहित्यिक गतिविधियां न रुके इसके लिए हास्यकवि अजीत शुक्ल ने हरदोई के कवियों को जोड़कर एक हरदोई के कविगण नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर ऑनलाइन कविगोष्ठी का शुभारम्भम किया।काव्यगोष्ठी की शुरुआत कवयित्री आरती मेहरा की वाणी वन्दना "मां ही मन्दिर मां ही तीरथ मां जीवन दीप की बाती है" से हुई।


        कवि आकाश सोमवंशी ने कोरोना वारियर्स को सलाम करती हुई कविता "वो प्राणों की बाजी लगाने चले है, वो  भारत  हमारा  बचाने चले है, नमन कर रहा हूँ मै उन हीरों को, जो कोरोना यहाँ से भगाने चले है।"पढ़ी।हरपालपुर के कवि शोभित तोमर ने अपनी ओजपूर्ण रचना "है नमन जो बैरियों की शाम लिख गए।निज लहू से देश को प्रणाम लिख गए।।"पढ़कर वाहवाही लूटी।नवोदित कवि रूपेश दीक्षित ने अपनी हास्य रचना "लॉकडाउन के दौरान आज जब अपनी छवि दर्पण में नजर आई।देखा बाल काफी बढ़ गए औऱ उनकी सफेदी भी निखर आई।"पढ़कर गुदगुदाया।


          संयोजक अजीत शुक्ल की कोरोना के प्रति जागरूक करती हुई कविता "हाथों को साबुन से धोएं मास्क लगाएं ध्यान से।कोरोना को दूर भगाएं अपने हिंदुस्तान से।।"काफी सराही गयी।गोपाल ठहाका ने" 

शब्द चित्र खींचकर भरे भाव के रंग।


एक दिन हम जीतेंगे कोरोना से जंग।।"कविता पढ़ कोरोना मुक्त भारत की कामना की।सवायजपुर से प्रखर पांडेय की भटकती युवापीढ़ी पर तंज कसते  "जानेंगे भला कैसे बिस्मिल व खुदीराम को,टिक टॉक पर कमर चलाने से फुर्सत तो मिले"कविता पसन्द की गई।कवयित्री आरती मेहरा ने "मुश्किलो मे मुश्किल का हल होता है। अंधेरी रात के बाद सुनहरा कल होता है"

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *