न्यायालय द्वारा पारित स्थगन आदेश के बावज़ूद जबरन किया गया भूमि की पैमाइस--राजस्व कर्मियों ने किया न्यायालय के आदेश की अवहेलना

प्रतापगढ़
24. 08. 2020
रिपोर्ट --मो. हसनैन हाशमी
न्यायालय द्वारा पारित स्थगन आदेश के बावजूद जबरन किया गया भूमि की पैमाइश---राजस्व कर्मियों ने किया न्यायालय के आदेश की अवहेलना
प्रतापगढ जनपद के कंधई थाना अंतर्गत उतरास गांव के निवासी ओम प्रकाश चौरसिया सुत रामप्रसाद (भूतपूर्व सैनिक) जो सेना से सेवानिवृत होने के बाद घर के बगल स्थित तालाब गाटा संख्या 616 जिसे मत्स्य पालन हेतु पट्टा पाए थे जिसके नामांतर वही में या लिखित रूप में दिया गया है कि इस तालाब पर भूतपूर्व सैनिक के परिवार को लगातार इसका लाभ मिलता रहेगा इसके बावजूद भी जब गांव के ही कुछ लोगों द्वारा प्रार्थी को परेशान किया जाने लगा तो प्रार्थी ने इस बाबत लोगों से झगड़ा लड़ाई न करते हुए कोर्ट का सहारा लिया और कोर्ट से तालाब का स्थगन आदेश ले लिया। इसके बावजूद भी गांव के ही रसूखदार जय बहादुर सिंह पुत्र राम प्रदोष सिंह तथा उनके सहयोगी प्रमोद पुत्र रामअवतार , अमित पुत्र रामजीत, प्रभुनाथ बैजनाथ कर्मराज पुत्र रामदुलार, सनी पुत्र सुरेश कुमार, सचिन पुत्र रामप्यारे, कौशलेंद्र यादव पुत्र शैलेंद्र यादव और अन्य लोगों के दबाव में आकर क्षेत्रीय लेखपाल /कानूनगो द्वारा बिना किसी आदेश के कुछ बाहरी लोगों को लेकर जबरन नाप करने के लिए प्रार्थी के घर पहुंच गए।
प्रार्थी की पत्नी द्वारा नाप करने से मना करने पर कानूनगो द्वारा प्रार्थी की पत्नी को धकेल दिया गया और जब प्रार्थी ओमप्रकाश ने इसका विरोध जताया तो लेखपाल द्वारा प्रार्थी ओम प्रकाश को भी मारने पीटने के लिए दौड़ाया गया।
इस तरह से कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कुछ रसूखदार लोगों के कहने पर लेखपाल कानूनगो द्वारा स्थगन आदेश के बावजूद भी जबरन पैमाइश किया गया और और जबरन नया चकरोड निकालने के लिए भी प्रार्थी के घर को गिराने की धमकी भी क्षेत्रीय लेखपाल और कानूनगो द्वारा दिया गया प्रार्थी ने जब इस घटना के विषय में कंधई थाने गया तो प्रार्थी की थाने में भी सुनवाई नहीं की गई प्रार्थी परेशान है और न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है।
Comments