उप जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन महिला बाल चिकित्सालय में में गुणवत्ता को परखा, जताई नाराजगी

उप जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन महिला बाल चिकित्सालय में में गुणवत्ता को परखा, जताई नाराजगी

प्रतापगढ 


28.12.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी 



उप जिलाधिकारी  ने निर्माणाधीन महिला बाल चिकित्सालय में गुणवत्ता को परखा, जतायी नाराजगी


 प्रतापगढ़ जनपद के लालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र  परिसर मे निर्माणाधीन महिला एवं बाल चिकित्सालय मे जारी कार्यो का एसडीएम ने सोमवार को औचक निरीक्षण किया। एसडीएम ने निर्माण कार्यो की गुणवत्ता परखनें के लिए जांच समिति मे नामित अधिशाषी अभियंताओं को भी मंगलवार को निर्माणाधीन स्थल पर पहुंचने के निर्देश दिये है। एसडीएम राम नारायण सोमवार को दोपहर बाद अचानक सीएचसी परिसर पहुंचे। यहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पचास बेड के निर्माणाधीन महिला एवं बाल चिकित्सालय का उन्होनें औचक निरीक्षण शुरू किया। एसडीएम को भी जारी निर्माण कार्य मे खामियां दिखी तो वह कार्यदायी संस्था पर भड़क उठे। एसडीएम ने कार्यदायी संस्था से निर्माण को लेकर कार्ययोजना का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने को कहा। वहीं जांच समिति मे नामित अधिशाषी अभियंताओं को भी मंगलवार को तकनीकी परीक्षण के लिए उपलब्ध होने के निर्देश दिये। बतादें सीएचसी परिसर मे क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना के प्रयास से सात करोड़ छत्तीस लाख लागत की मैटरनिटी विंग की स्वीकृत प्रदान की गई है। कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को अब तक पांच करोड़ छत्तीस लाख अवमुक्त भी हो चुके है। सप्ताह भर पहले क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना क्षेत्र के दोैरे पर आयी थी। स्थानीय लोगों की शिकायत पर विधायक मोना ने मैटनिटी विंग के निर्माण कार्य का अवलोकन किया तो गुणवत्ताविहीन निर्माण देख वह भड़क उठी। विधायक ने अनियमितता को लेकर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री एवं विभागीय अपर मुख्य सचिव को जांच के लिए पत्र लिखा है। इधर डीएम डा. रूपेश कुमार ने महिला एवं बाल चिकित्सालय के निर्माण मे शिकायत को देखते हुए एसडीएम की अध्यक्षता मे तीन सदस्यीय कमेटी का भी गठन कर रखा है। एसडीएम के औचक निरीक्षण से सीएचसी परिसर मे देर शाम तक हडकंप का माहौल दिखा। इधर एसडीएम ने जलेशरगंज स्थित श्रीराम राइस मिल मे भी चावल की एफसीआई को हो रही सप्लाई की प्रगति की जानकारी जुटाई। एसडीएम ने मिल संचालक को क्रय केन्द्रो से उपलब्ध कराये गये धान से तैयार चावल को अविलंब एफसीआई को भेजवाये जाने के कडे निर्देश दिये।

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