बिहार बाजार में होली के पर्व पर बेधड़क बेची जा रही है मिलावटी खाद्य सामग्री
प्रतापगढ
14.03.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
बिहार बाजार में होली के पर्व पर बेधड़क बेची जा रही है मिलावटी खाद्य सामग्री
प्रतापगढ जनपद के बिहार बाजार में होली पर्व पर दुकानदारों की बल्ले बल्ले, जिसमें होली के पर्व पर खोवा, देसी घी, दूध, पनीर ,और सरसों के तेल की खपत पूर्व की अपेक्षा कई गुना बढ़ गई है खाद्य सामग्री की अधिक खपत देखकर मिलाव ट खोर भी बनावटी और मिलावटी सामान बाजार में बेचकर मालामाल होने के लिए तैयार हैं होली के त्यौहार के दौरान बिहार बाजारों में मिलावटी खोवा सप्ताह भर पहले से आना शुरू हो गया है सरसों के तेल के नाम पर सस्ता पाम आयल बेचा जा रहा है प्रतिबंधित सिंथेटिक कलर मिलाकर इसे सरसों के तेल का रंग दिया जाता है स्टार अरारोट और सिंथेटिक दूध की मिलावट कर पनीर तैयार किया जाता है इसे देखकर ग्राहक कतई अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि यह नकली पनीर है दुकानों में मिठाइयों पर चांदी वर्क के नाम पर एलमुनियम वर्क का इस्तेमाल करते हैं बाजारों में तरह-तरह के चिप्स, पापड़, और दालमोठ बिक रहे हैं इन्हें मानक से कई गुना अधिक दामों पर कलर मिलाकर बेचा जा रहा है यह रंग इस स्तर पर है जो आम जनता की सेहत को बिगाड़ सकता है खाद्य विभाग द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही तो की जाती है लेकिन मिलावटखोरों पर इसका कोई असर नही देखने को मिल रहा है विभाग द्वारा पिछले साल की गई कार्रवाई से इस बात की पुष्टि करता है कि बाजारों में मिलावटी खाद्य सामग्री बेची जा रही है खाद्य विभाग की कार्रवाई से मिलावटखोरों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है कई बड़े प्रतिष्ठित दुकानदारों को मिलावटी मावा की जानकारी होने के कारण स्थानीय डेयरियों पर मावा बनवाकर मिठाई में उपयोग करते हैं हाट बाजारों में फुटकर मिठाई की दुकान लगाने वालों को सस्ती सामग्री बेचने के लिए मिलावटी मावा का उपयोग करना पड़ता है ग्राहकों को जागरूकता का अभाव व जांच अमला की मिलीभगत के चलते बाजार में मिलावटी सामानों की बिक्री धड़ल्ले से किया जा रहा है हानिकारक रसायन युक्त मिठाइयों की भी दुकानों पर भरमार है।

Comments