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लखनऊ,
अवसादग्रस्त दवा व्यापारी ने अपनी जीवन लीला की समाप्त
कैसरबाग के नया गांव स्थित दुकान के अंदर ही अवसादग्रस्त 52 वर्षीय दवा व्यापारी नीरज शंकर सक्सेना ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
शुक्रवार दोपहर दुकान के अंदर पंखे से मफलर के सहारे उनका शव लटका मिला।
पास से बरामद सोसाइड नोट में उन्होंने पत्नी की मौत के कारण डिप्रेशन का जिक्र किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हीवेट रोड में रहने वाले नीरज शंकर सक्सेना की कैसरबाग नया गांव में दवा का कारोबार है।
शुक्रवार दोपहर वह उनके भाई धीरज और नौकर अलीम खां दुकान पर थे। इस बीच नीरज ने भाई धीरज को ग्राहकों से वसूली के लिए भेजा। वहीं, नौकर को किसी काम से भेज दिया। इसके बाद दुकान के पिछले हिस्से में जाकर खिड़की में गत्ते लगाए और पंखे से मफलर के सहारे फांसी लगा ली।
कुछ देर बाद भाई लौटा तो उसने काउंटर पर नीरज को न बैठा देख आवाज देते हुए पीछे के हिस्से में पहुंचा। वहां, फंदे पर नीरज का शव लटका देख धीरज की चीख निकल पड़ी। शोर सुनकर आस पड़ोस के लोगों की भीड़ जुट गई।
पुलिस ने बताया कि कपड़ों की तलाशी में एक सोसाइड नोट मिला है। जिसमें खुद को मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
इसके अलावा लिखा कि मेरे बच्चों का ध्यान रखना। पत्नी से बहुत प्यार करता था। उनकी मौत के बाद अकेला हो गया हूं। इंस्पेक्टर ने बताया कि नीरज की पत्नी की मौत एक साल पहले कोविड से मौत हो गई थी। इसके बाद से वह अवसादग्रस्त थे। नूरमंजिल में इलाज भी चल रहा था। धीरज ने बताया कि भाई के परिवार में उनका बेटा मकुंद और बेटी श्रेया है। सभी एक साथ रहते हैं।
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