शादी में खाना बनाने के लिए जिन लकड़ियों को किया था इकट्ठा, उसी से जली उसकी चिता

शादी में खाना बनाने के लिए जिन लकड़ियों को किया था इकट्ठा, उसी से जली उसकी चिता

मोटरसाइकिल के आमने सामने टक्कर में बुझ गया घर का एकलौता चिराग 

पांच बहनों में सिर्फ अकेला था मृतक सन्तोष


इसी 12 मई को होनी थी संतोष की शादी


अबूशहमा


बहराइच थाना राम गांव क्षेत्र के राजी चौराहा के पास तेज रफ्तार दो मोटरसाइकिल आमने-सामने हुए जोरदार टक्कर में दोनों बाइक सवारों की मौके पर  ही मौत हो गई।

सूचना मिलते ही राम गांव थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया  राम गांव पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दी जिसमें मृतक की पहचान फखरपुर थाना क्षेत्र सरायजगना निवासी संतोष चौहान पुत्र उजागर चौहान  उम्र 20वर्ष के रूप में हुई  जिसमें  मृतक  संतोष चौहान की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी।

तो वहीं पर इसी हादसे में दूसरे बाईक सवार की मौत हो गई। दोनों मृतकों के परिजनों को पुलिस ने सूचना दी मृतक संतोष चौहान के साथ रिश्तेदार श्यामू पुत्र लाले निवासी गढ़वा नौताल थाना राम गाँव  गंभीर रूप से घायल हो गया जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।

 प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच बहनों में सिर्फ अकेला भाई था संतोष 

12 मई को होनी थी मृतक की शादी

 अपनी शादी की तैयारी में लगा था सभी रिश्तेदारों को निमंत्रण देना था।  होली के दिन अपने बहन के घर से वापस अपने घर आ रहा था की आमने-सामने हुई मोटरसाइकिल की टक्कर में सन्तोष  काल के गाल में समा गया ।

खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया । घर में सभी परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। पांच बहनों में सिर्फ एक अकेला  एकलौता भाई था । सभी पांचों बहनों मैं बहुत खुशी थी कि आने वाले 12 मई को अपने भाई की शादी बहुत धूमधाम से करेंगे । शादी के लिए खाना बनाने के  लिए जिन लकड़ियों को जोड़कर रखा था आज उन्हीं लकड़ियों पर जलाई गई सन्तोष की चिता।

पूरा गांव इस हादसे से दुःखी दिखा। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है बहने अपने भाई को देख देख कर गिरती हैं और संभालती हैं महिलाएं पड़ोसी बहनों को ढाढस बधाने में लगे हैं वहीं बूढ़े पिता की आंखे सूख सी गई हैं सिर्फ आंखों में दर्द ही दिखाई देता है कि अब हम किसके लिए जिएंगे। हमने तो अपना जीवन अपने घर के चिराग के लिए उसके भविष्य के लिए सब कुछ किया था लेकिन ईश्वर ने हमारे साथ यह क्या किया।

यही हाल बूढ़ी मां का और सभी बहनों का है मृतक की एक बहन बहनोई जो पंजाब में रहते है वह भी पंजाब से सूचना मिलते ही निकल पड़े लेकिन अफसोस अपने इकलौते भाई के आखरी दीदार तक उस अभागन बहन को नसीब नहीं हुआ। इस हादसे ने सब को झकझोर कर रख दिया

परिवार की एक जिम्मेदारी उठाने वाला अकेला था संतोष। जिसके चिता को देर शाम मुखाग्नि दी गई।

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