प्रतापगढ़ के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का मनाया गया जन्मदिवस, मरीजों को वितरित किया गया फल

प्रतापगढ़ के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का मनाया गया जन्मदिवस, मरीजों को वितरित किया गया फल

प्रतापगढ 



06.04.2022





रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




प्रतापगढ के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का मनाया गया जन्म दिवस, मरीजों को वितरित किया गया फल



प्रतापगढ़।महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्र दत्त सेनानी के जन्म दिवस के अवसर पर आज सर्वप्रथम सुबह 9.30 बजे पलटन बाजार स्थित ट्रस्ट कार्यालय पर स्वर्गीय चंद्र दत्त सेनानी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित की गई इसके बाद जिला महिला अस्पताल एवं जिला पुरुष अस्पताल में मरीजों के बीच में फल वितरण का कार्यक्रम 10 बजे दिन से 12 बजे तक हुआ कार्यक्रम में सम्मिलित रहने वालों में प्रमुख रूप से सदर विधायक राजेंद्र प्रसाद मौर्य, श्रीमती सिंधुजा सेनानी, शिव प्रकाश मिस्र सेनानी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद श्रीवास्तव, मेडिकल कॉलेज प्रतापगढ़ के प्राचार्य आर्य देश दीपक, जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का डॉ रीना प्रसाद पुरुष चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुरेश सिंह ,डॉ मनोज खत्री, सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत नंदन ओझा जिला पंचायत सदस्य डॉक्टर पूनम इंसान डीपी इंसान एडवोकेट अबरार अहमद सामाजिक कार्यकर्ता राज मणि त्रिपाठी, लायंस क्लब के डॉक्टर क्षितिज श्रीवास्तव सामाजिक कार्यकर्ता अजय क्रांतिकारी अवधेश तिवारी संजय शुक्ला आदि अन्य दर्जनों प्रमुख थे।

पलटन बाजार स्थित कार्यालय पर श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कहा कि चंद्र दत्त सेनानी एक अत्यंत ईमानदार स्वाभिमानी किस्म के व्यक्ति थे उन्होंने विश्व पार्लियामेंट का सपना देखा था और एक ऐसे विश्व का सपना देखा था जिसमे पूरी दुनिया एक हो , उन्होंने विश्व पार्लियामेंट की परिकल्पना की थी , आचरण से बोलो जुबान से कम, आदि अनेक पुस्तकें भी लिखी थी उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय चन्द्र दत्त सेनानी का जन्म 6 अप्रैल सन 1915 में को प्रतापगढ़ के शुकुलपुर गांव में हुआ था। उन्होंने कक्षा 8 के विद्यार्थी के रूप में ही अपने विद्रोही तेवर का प्रदर्शन किया था यूनियन जैक को उतारकर तिरंगा झंडा फहराया था 1942 में महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में करो या मरो  के नारे के साथ नौकरी से त्यागपत्र देकर सत्य और अहिंसा का व्रत लेकर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था उन्हें 2 वर्ष की सजा भी हुई थी एरोड्रम ऑफिसर के रूप में उन्होंने अपने कर्तव्य परायणता और इमानदारी की ख्याति अर्जित की तथा तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रफी अहमद किदवई के आमंत्रण पर पुनः राजनीति में आए और राष्ट्र के सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति पद के लिए कई बार चुनाव लड़ा।उल्लेखनीय है की इनकी पुत्रबधू जिला सहकारी बैंक की अध्यक्ष रह चुकी है व् अनेक शैक्षिक संस्थाए चला रही है व् पुत्र शिव प्रकास मिश्र ख्यातिलब्ध समाजसेवी व् राजनैतिक शक्सियत है

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