मूरतगंज कस्बे में नहीं जल रही दर्जनों स्ट्रीट लाइटें, शिकायत के बाद भी नही जली स्ट्रीट लाइटें

मूरतगंज कस्बे में नहीं जल रही दर्जनों स्ट्रीट लाइटें, शिकायत के बाद भी नही जली स्ट्रीट लाइटें

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

कौशाम्बी। 01/09/2021

रिपोर्ट मिथलेश कुमार (मोनू साहू)


मूरतगंज कस्बे में नहीं जल रही दर्जनों स्ट्रीट लाइटें, शिकायत के बाद भी नही जली स्ट्रीट लाइटें

कब सजेगा दुल्हन की तरह मूरतगंज बाजार, कब पूरे होंगे वादे


कौशाम्बी। जनपद के मूरतगंज कस्बे को नगर पालिका परिषद भरवारी में शामिल करने के बाद से विकास कार्य नहीं हो पा रहा है।

कस्बे में बिजली के खंभों में लगी स्ट्रीट लाइटें दर्जनों की संख्या में बंद पड़ी है, बिजली की अघोषित कटौती से पूरे कस्बे वासी परेशान हैं, चौराहे पर लगा हाई मास्ट लाइट शो पीस बना हुआ है, लोगों को इस वादे का इंतजार है कि कब सजेगा दुल्हन की तरह मूरतगंज बाजार, कब पूरे होंगे अधूरे वादे।


जानकारी के मुताबिक लगभग दो हजार आबादी वाला मूरतगंज कस्बा जिले का एक व्यापारिक प्रतिष्ठान है, इस कस्बे को नगर पालिका परिषद भरवारी में दो वर्ष पहले शामिल किया गया था, सड़क चौड़ीकरण के बाद दोनों तरफ लोहे के खंभे लगाकर बिजली सप्लाई दी गई है नगर पालिका के द्वारा खंभों में स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं जिसका तीन हिस्सा स्ट्रीट लाइट जल ही नहीं रही है, एक हाई मास्ट लाइट चौराहे पर लगाया गया, वह भी मात्र शोपीस बना है। लोग कस्बे में चर्चा कर रहे हैं कि एक माननीय ने वादा किया था कि मूरतगंज नगर पालिका परिषद भरवारी का वार्ड नंबर 25 पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर मेन गेट है यहीं से नगर पालिका परिषद भरवारी में अत्यंत नगरों व जिलों से आने वाले लोग प्रवेश करेंगे।

इसे दुल्हन की तरह सजाया जाएगा लेकिन चुनाव आ गया अब तक नहीं सजाया गया, इतने भीड़ भाड़ वाले कस्बे में एक भी सुलभ कांप्लेक्स नहीं है, बिजली की अघोषित कटौती से लोग परेशान हैं, कस्बे के लोगों ने मूरतगंज की बिजली सप्लाई का फीडर अलग कराने के लिए माननीय से लिखित शिकायत किया था माननीय ने झूठे वादे करते हुए एक अपने लेटर पैड पर विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता को फीडर अलग करने के लिए आदेशित किया था, लेकिन एक वर्ष पूरे हो गए आज तक फीडर अलग नहीं हुआ। यह भी एक वादा रह गए।

आखिर मूरतगंज कस्बा कब तक विकास की राह देखेगा, लोगों के जेहन में यही सवाल कौंध रहा है कि कब सजेगा दुल्हन की तरह मूरतगंज बाजार, कब पूरे होंगे माननीय के अधूरे वादे। या केवल चुनावी जुमला था।

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