मौरंग ओवरडैंपिंग के खेल में सत्ता धारियों का आशीर्वाद !

मौरंग ओवरडैंपिंग के खेल में सत्ता धारियों का आशीर्वाद !

मौरंग ओवरडैंपिंग के खेल में सत्ता धारियों का आशीर्वाद ! 

 खनन विभाग भी किन्ही कारणों से ओवर डैपिंग से मुंह फेरने को मजबूर! 


 पी पी एन न्यूज


(कमलेन्द्र सिंह)

खनन विभाग  ही तो है जो खनन माफियाओं को खनन नीतियों और एनजीटी के उल्लंघन करने का मौन प्रमाण पत्र दे रखा है ।तभी मौरंग खनन मे माफियाओं ने जमकर कानूनों की धज्जियां उड़ाई और अब मौरंग डैपिंग के खेल में विभाग की ही मेहरबानी से जो खेल खेला गया उसमें सरकार का करोड़ों रुपए नुकसान के रूप में उठाना तय है।

आज हम खागा तहसील क्षेत्र के खनन माफियाओं की पोल खोलना चाहेंगे। खागा तहसील क्षेत्र में खनन माफियाओं ने काफी अरसे से अपनी जड़े मजबूत कर ली है ।इलाकाई पुलिस व तहसील के सरकारी तंत्रों को मिला कर अपनी जड़ों को यमुना तटवर्ती इलाकों में फैला लिया है । इससे प्रति साल करोड़ों रुपए का नुकसान सरकार को उठाने के साथ यहां के लोगों को पर्यावरण में होने वाले बदलाव का नुकसान भी झेलना पड़ता है लेकिन जब सबकी जेबें गर्म हो रही हो तो सरकार व पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की चिंता कौन करे? खागा तहसील क्षेत्र के अंतर्गत यहां तीन घाटों से मौरंग खनन की स्वीकृत दी गई है। स्वीकृत मिलने के बाद अवैध रूप से खनन करवाने के मामले कई बार प्रकाश में आए। लेकिन आज मौरंग डैपिंग की बात रखना चाहूंगा ।खागा तहसील क्षेत्र में करीब आधा दर्जन स्थानों पर मौरंग की डैपिंग की गई है जिसमें अढैया,कारिकान, बम्हरौली,रामपुर प्रथम,रामपुर दुतीय लोहार पुर आदि गांव में जहां मौरंग डैपिंग की स्वीकृत खनन विभाग द्वारा मिलने की बात क्षेत्र में कही जा रही है।स्वीकृत की बात को लेकर हौसला खनन माफियाओं में देखा गया इससे ऐसा लगा कि इनके हौसले आसमान को छू रहे हैं इसी हौसले के चलते मौरंग के लगे बड़े-बड़े ढेरों को आसमान छूने की आजादी मिल गई हो। ढेरों को देखने से लगता  है कि जितने घन मीटर की स्वीकृत मिली थी उससे कहीं अधिक मौरंग की डैपिंग की गई है अब ना तो डैपिंग की गई मौरंग की जांच की जा रही है और ना ही वहां जाने की हिम्मत तहसील प्रशासन जुटा पा रहा है क्योंकि कहीं ना कहीं यह मामला सत्ता से जुड़ा दिख रहा है भू माफियाओं का हौसला ऐसे ही चौथे आसमान पर नहीं है। सवाल लगातार खनन विभाग से लेकर इलाकाई पुलिस तहसील प्रशासन और इन सबो के ऊपर सत्ताधारी नेताओं से किए जा रहे हैं और आगे भी किए जाएंगे की अवैध खनन से लेकर  मौरंग की ओवर डंपिंग करने वाले ऐसे  माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई से क्यों बच रहे है।

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