महिला दिवस विशेषांक
- Posted By: Alopi Shankar
- राज्य
- Updated: 8 March, 2021 21:47
- 975

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज
संग्रहकर्ता - सुरेश चंद्र मिश्रा "पत्रकार"
महिला दिवस विशेषांक
महिला दिवस पर विश्व की समस्त नारी जाति को सादर समर्पित।।
तुम उमा रमा ब्रह्माणी हो अनसूया सती सयानी हो।।तुम मानस की चौपाई हो वेदों की अमृत बानी हो।।
तुम अरुंधती सावित्री हो। तुम वेद प्राण गायत्री हो।।
रघुवंश तिलक की सीता हो।तुम मुरली धर की गीता हो।।
साधक की अटल तपस्या हो गंगा सी परम पुनीता हो।।
तुम जन्म दात्री त्रिभुवन की भव पालन हेतु भवानी हो।।
तुम उमा रमा ब्रह्माणी हो अनसूया सती सयानी हो
तुम मानस की चौपाई हो वेदों की अमृत बानी हो=1
बन गई नर्मदा पति के हित तुमने सूर्योदय रोका था।
दशकंधर कुल को कालरात्रि बन काल गाल में झोंका था।
व्यभिचारी कौरव वंश दलन हित पांचाली बन आई थी।
महिषासुर मद में चूर हुआ तो तुम काली बन आई थी।
जिसके उंगली पर त्रिभुवन पति नाचे वो राधा रानी हो।।
तुम उमा रमा ब्रह्माणी हो। अनसूया सती सयानी हो।=2
तुम नारायण की माया हो या कल्प,वृक्ष की छाया हो।
भार्या बन करती मग प्रशस्त मां बन कर करती दाया हो।।
भगिनी बन नेह लुटाती हो बेटी बन मान बढाती हो।।
तुलसी बन आंगन में खेली फिर घर सूना कर जाती हो।।
ससुराल गई पर आंखों में बसती बन करके पानी हो।।
तुम उमा रमा ब्रह्माणी ।हो अनसूया सती सयानी हो।
तुम मानस की चौपाई हो। वेदों की अमृत बानी हो।। =3
तुमसे जग में हरियाली है। तुम हो तो नित दीवाली है।
जिस घर में वास नहीं करती हर रात वहां पर काली है।
जिस घर में आदर नारि वर्ग का सुख का वहां बसेरा है ।
आंसू गिरते हैं जहां तुम्हारे वहां भूत का डेरा है।
निर्मल,, नारी तुम वेद ऋचा हो तुम्ही पुराण कहानी हो।।
तुम उमा रमा ब्रह्माणी हो अनसूया सती सयानी हो
तुम मानस की चौपाई हो वेदों की अमृत बानी हो= 4
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