एकता व भाईचारे का संदेश देता है होली का त्यौहार --महेंद्र विश्वकर्मा

एकता व भाईचारे का संदेश देता है होली का त्यौहार --महेंद्र विश्वकर्मा

प्रतापगढ 




22.03.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




एकता व भाईचारे का संदेश देता है होली का त्यौहार : महेंद्र विश्वकर्मा



प्रतापगढ। होली का त्यौहार आपसी भाईचारे और सदभाव की भावना को मजबूत बनाता है। सभी पर्व हमें हिल मिल कर रहने का संदेश देते हैं। त्यौहारों को प्रेम के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। खास तौर पर होली के दिन सभी लोग आपसी कटुता को भुलाकर गले मिलते हैं। यह बातें विश्वकर्मा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भाजपा नमामि गंगे के संयोजक महेंद्र विश्वकर्मा ने विश्वकर्मा समाज द्वारा विश्वकर्मा मंदिर मानिकपुर परिसर में आयोजित होली मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।उन्होंने कहा कि त्यौहार बनाए ही इसीलिए गए हैं कि प्रेम की भावना मजबूत हो और लोग आपसी तालमेल बनाकर रह

सकें। विशिष्ट अतिथि चिकित्साधिकारी डा. एम एल विश्वकर्मा ने कहाकि सभी त्यौहार लोगों को एकजुट होकर रहने की प्रेरणा देते हैं। होली का यह पर्व हमारी संस्कृति का प्रतीक भी हैं। पहले हर त्यौहार को लोग बहुत अच्छे से मनाते थे, लेकिन इधर देखने को मिलता है कि कुछ लोग त्यौहारों पर भी एक दूसरे से दूरी बनाए रखते हैं यह अच्छी बात नहीं है। विश्वकर्मा समिति कालीना मुंबई के पूर्व अध्यक्ष भरत विश्वकर्मा ने कहाकि समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं दु‌र्व्यसनों को दूर करने के लिए शिक्षा बेहद आवश्यक है। इसके साथ ही समस्याओं के प्रति संगठित होकर संघर्ष करना ही उत्थान कारण बन सकता है। कार्यक्रम को सरोज विश्वकर्मा, शिक्षक प्रदीप विश्वकर्मा आदि लोगों ने संबोधित किया। इसके पूर्व अतिथियों ने भगवान विश्वकर्मा का पूजन अर्चन एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिसके बाद त्रिशूल संकीर्तन पार्टी मानिकपुर के कलाकारों ने राजा भैया का परिवार बड़ा है, उनका देश में मान बढ़ा है एवं  होली गीतों से कार्यक्रम में समां बांध दी। इस दौरान फूलो की होली भी खेली गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंदिर के संरक्षक श्यामलाल विश्वकर्मा एवं संचालन जगदेव प्रसाद विश्वकर्मा ने किया। कार्यक्रम के अंत में मंदिर अध्यक्ष राम लखन विश्वकर्मा ने आए हुए अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस मौके पर सेवानिवृत्त कानूनगो राम लखन, बड़कू विश्वकर्मा, डा. शिवलाल, राम सूरत विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, शिवमूर्ति विश्वकर्मा, छेदीलाल,  फूलचंद,  वीरेंद्र विश्वकर्मा, कुलदीप कुमार, आशू विश्वकर्मा, मुन्ना विश्वकर्मा, विजय विश्वकर्मा, अनिल विश्वकर्मा, रवि विश्वकर्मा, संजीत विश्वकर्मा, लवलेश विश्वकर्मा, रंजीत विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा आदि लोग मौजूद रहे।

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