10 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक वाले मस्जिद ना आए- इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने जारी की एडवाइजरी

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
लखनऊ
रिपोर्ट, इज़हार अहमद
10 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक वाले मस्जिद ना आए- इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने जारी की एडवाइजरी
1 जून से भारत कुछ बहुत अनलॉक किया गया है ।इस कड़ी में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर मस्जिद को खोलने की अनुमति दे दी है।
सीएम योगी की अनुमति मिलते ही मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने भी इबादतगाहों को खोलने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने 8 जून से इबादतगाहे खोले जाने को लेकर कहा कि मस्जिद में भीड़ जमा न होने दें।
इसके साथ ही 10 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक वाले मस्जिद ना आए। आपको बताते चलें कि फिरंगी महली ने 10 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को क्यों मना किया है ।
सरकार द्वारा समय समय पर ये चेताया जाता रहा कि 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं 65 वर्ष से अधिक आयु के बूढ़े किसी भी हाल में घर से बाहर ना निकले । इस बात को ध्यान में रखते हुए ही मौलाना ने इस उम्र के लोगों को मस्जिद में जाने से मना किया है।
मौलाना ने नमाज पढ़ने के लिए भी यह कहा है कि घर पर ही अदा करें अपनी नमाज। वही जुमे की नमाज के लिए अलग अलग किया जाए 4 जमातों का एहतमाम करने के लिए कहा है। इसके साथ ही साथ जुमे का खुतबा छोटा हो, उर्दू में तक़रीर ना हो,घर से वजू करके मस्जिद में पहुंचे।
मौलाना खालिद ने सबसे अच्छी बात यह कही है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए और मास्क लगाकर ही मस्जिदों के अंदर नमाज अदा करें।
दो नमाजियों के बीच हो 6 फिट का फासला होना चाहिए। मस्जिद में जाते और बाहर निकलते समय भीड़ ना लगाएं। इसके साथ ही साथ मस्जिद में रखी हुई टोपियां इस्तेमाल ना करें बल्कि अपनी टोपी ख़ुद लाये, ना किसी से गले मिले ना हाथ मिलाएं।
मौलाना ने सबसे बड़ी बात यह कही है कि नमाज चटाई पर ना हो बल्कि फर्श पर पढ़ी जाए और हर नमाज के बाद फर्स्ट को डिटेल से और फिनाइल से साफ किया जाए।
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