लगातार नौ दिन वेन्टीलेटर पर जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष में जिंदगी की जंग हारे. मनीष तिवारी

लगातार नौ दिन वेन्टीलेटर पर जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष में जिंदगी की जंग हारे. मनीष तिवारी

लगातार नौ दिन वेन्टीलेटर पर जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष में जिंदगी की जंग हारे. मनीष तिवारी


  1. घटना की अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने में नाकाम शहर पुलिस
  2. मनीष तिवारी के अंतिम दर्शन में उमड़ी हजारों की भारी भीड़
  3. क्षेत्रीय विधायक व क्षेत्रीय नेताओं ने भी किए अंतिम दर्शन जताया शोक


पी पी एन न्यूज

(कमलेन्द्र सिंह)

फतेहपुर।

मालूम हो कि पिछले गुरुवार की रात शहर की तीन पुलिस चौकियों के केन्द्र अति ब्यस्त चौराहा पत्थर कटा मे घायल अवस्था में मिले श्रद्धा कांट्रेक्शन के मालिक एवं ब्राह्मण चेतना परिषद के सक्रिय सदस्य मनीष तिवारी के ऊपर हुए प्राण घातक हमले की गुत्थी हफ्ता बीत जाने के बाद भी अभी तक अनसुलझी बनी हुई है।

कानपुर शहर के मधुराज नर्सिंग होम मे लगातार नौ दिन जिन्दगी और मौत के बीच संघर्ष के बाद अन्ततः मनीष तिवारी जिन्दगी की जंग हार गए।बहुत कम समय में अपनी मेहनत और बुद्धि मत्ता से एक सफल ब्यापारी के रुप में उभरे मनीष तिवारी क्षेत्र एवं अपने रिश्तेदारो के बीच आँखों की किरकिरी बन गए।एक टान्सफार्मर फैक्ट्री के साथ साथ प्रदेश के अन्य जनपदों में कांट्रेक्शन का कार्य करा रहे मनीष तिवारी की हत्या की साजिश अपनों ने रची या बाहरी तत्वों ने अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है।

घटना के समय साथ रहे मनीष के साले अनुज उर्फ पप्पू शुक्ला निवासी गदाई तहसील खागा व उसका साथी गौरव अग्निहोत्री निवासी रसूलाबाद कानपुर देहात निश्चित ही घटना की अहम कड़ी है। घटना की दी गयी तहरीर के अनुसार अनुज उर्फ पप्पू शुक्ला ने बताया कि रात दस बजे के बाद जब वह चौराहे पहुंचे तब वह गाड़ी पर ही बैठा रहा और गौरव के साथ मनीष नीचे उतर गया कुछ मिनटों बाद लौटने पर गौरव खून से लथपथ था एवं मनीष बिल्कुल ठीक था परंतु थोड़ी ही देर में मनीष वहीं बेहोस होकर गिर गया जिसे वह लेकर सदर अस्पताल गया  वहां से लेकर कानपुर चला गया ।

जबकि रात्रि एक बजे मनीष की पत्नी ने फोन द्वारा मनीष के पिता को घटना की जानकारी दी एवं कानपुर लेकर जाने की की बात की वहीं दूसरी ओर कचेहरी चौकी इंचार्ज के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उन्हें रात्रि एक बजकर पच्चीस मिनट पर पत्थरकटा. चौराहे पर किसी के घायल पड़े होने की सूचना मिली तदुपरांत मौके पर पहुचने मे उन्हें मनीष गाड़ी के पास जमीन में घायल पड़ा मिला जिसे उसकी पत्नी लेकर कानपुर रवाना हो गई एवं  पुलिस ने गौरव का श्याम नर्सिंग होम मे उपचार कराकर घर छोड़ा दिया ।इन बिरोधा भाषी बयानों से निश्चित ही घटना की प्रष्टभूमि कुछ साफ नजर आती है।

वहीं आज मनीष तिवारी का कानपुर में पंचनामा भर के पोस्ट मार्टम हो गया जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके गांव ब्राह्मम्ण पुर फतेहपुर लाया गया और गांव के समीप हाइवे के पास बनी ट्रांसफॉर्मर फैक्ट्री व धान मील के पास खेतों में स्वजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

जहाँ मौजूद कई क्षेत्रीय राजनैतिक हस्तियों ने भी उन्हें नम आँखों से अंतिम विदाई दी।

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