स्थापित विदेश नीति से पलायन का खामियाजा है देश को अमेरिका से टीके की कम खुराकें मिलना--प्रमोद तिवारी

स्थापित विदेश नीति से पलायन का खामियाजा है देश को अमेरिका से टीके की कम खुराकें मिलना--प्रमोद तिवारी

प्रतापगढ 


04.06.2021


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



स्थापित विदेश नीति से पलायन का खामियाजा है देश को अमेरिका से टीके की कम खुराकें मिलना- प्रमोद तिवारी




 केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य एवं यूपी आउटरीच एण्ड कोआर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने कहा है कि अमेरिका के द्वारा भारतीय विदेश मंत्री के दौरे के बावजूद देश को कम मात्रा मे कोविड टीके दिया जाना राजनय के क्षेत्र में अनावश्यक हस्तक्षेप का खामियाजा है। प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश के विदेश मंत्री के सप्ताह भर अमेरिकी प्रवास के बावजूद यूएस राष्ट्रपति का टीकाकरण पर खुद प्रधानमंत्री से बातचीत न करना कहीं न कहीं से कूटनीतिक तनाव को साफ उजागर कर गया है। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने तंज कसा है कि भारतीय मूलवंश की अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से पीएम फोनिक वार्ता को कूटनीतिक विजय बता रहे है जबकि देश के लिए इससे बडा दुर्भाग्य क्या होगा कि मासूम बच्चों और करोडो भारतीयो की जरूरत के लिए तैयार वैक्सीन को बहत्तर देशों मे भेजने की सबसे बडी भूल की गई। बकौल प्रमोद तिवारी अमेरिका दुनिया के लगभग उन्नींस देशों को टीके की आपूर्ति के सापेक्ष भारत, कनाडा, मैक्सिको और कोरिया को लगभग सत्तर लाख टीके की खुराक मात्र दे रहा है। जबकि श्री तिवारी ने कहा कि भारत को इससे बहुत कम टीके मिल रहे है। हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पार्टी वर्किग कमेटी के मेंबर प्रमोद तिवारी ने विदेश सम्बन्धो पर भारतीय होने के नाते सरकार को भरपूर समर्थन भी जताते हुए यह सवाल जरूर उठाया है कि कोविड वैक्सीन आखिर दुनिया के बहत्तर देशों को भारत ने क्यूं बांटी और आज उसी वैक्सीन को लाने के लिए तमाम राष्ट्रो के सामने देश का प्रशासन अनुनय विनय करने के हालात से गुजर रहा है। प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि अमेरिका के साथ यह कूटनीतिक तनाव तत्कालीन यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन मे पीएम मोदी के द्वारा चुनाव प्रचार और अबकी बार ट्रंप सरकार के उनके नारे का ही वैदेशिक स्थापित नीति के खिलाफ अविवेकपूर्ण पलायन का भी नतीजा सामने आया है। श्री तिवारी ने अफसोस जताया कि यह कैसा महज इत्तेफाक है कि आज दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारतीय नेतृत्व को न जाने किस खतरे के अंदेशे में महत्वपूर्ण आयोजनों तक में निमंत्रण नही दे रहे है। प्रमोद तिवारी ने कहा कि वैक्सीन के टीके को लेकर सुप्रीमकोर्ट तक केंद्र सरकार के इक्तीस दिसंबर तक सबको वैक्सीन के टीके लगाने के वायदे पर आज उसका रोडमैप पूछ रही है। उन्होनें कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को आज केंद्र के वैक्सीनेशन को लेकर दिये गये तर्क को मनमाना और असंतोषजनक ठहराने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का आभास कराना पड़ रहा है। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने सरकार से पूछा है कि वह न्यायालय की इस चिंता को भी देशवासियों की चिंता के साथ स्पष्ट करेे कि उसने अब तक वैक्सीन के लिए पैतीस हजार करोड रूपये मे कितने खर्च किये और आज तक संपूर्ण आबादी के लगभग तीन फीसदी वैक्सीन लगने की स्थिति मे आखिर एक सौ बीस करोड भारतीयों के वैक्सीन लगने को लेकर उसका रोडमैप क्या है। उन्होनें कहा कि सुप्रीमकोर्ट का यह सवाल करोडो देशवासियों के हित मे है कि देश में कोवैक्सीन, कोविशील्ड, स्पूतनिक वी के टीकों की खरीद का आदेश केंद्र सरकार ने कब कब दिया और वह इन आदेशों को तारीखें भी न्यायालय के सामने स्पष्ट करें। उन्होनें सरकार से सुप्रीम न्याय के तहत देश को यह भी बताने की मांग उठाई है कि वह बताए कि जनसंख्या के हिसाब से ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों का टीकाकरण का ब्यौरा, वैक्सीन की खरीद से अब तक का क्या है। श्री तिवारी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के देशवासियों को निशुल्क टीकाकरण के अभियान पर पार्टी के कार्यक्रम के अनुरूप सुप्रीम कोर्ट की चिंता को भी पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए टीकाकरण के नाम पर मनमाने दाम की वसूली की जिम्मेदारी लेने को कहा है। श्री तिवारी ने कहा कि एक तरफ सरकार साठ वर्ष के उपर के लोगों का टीकाकरण निशुल्क कराने की बात कहती है तो दूसरी तरफ अठारह से चौवालिस वर्ष या फिर बच्चों से मनमाने दाम की टीकाकरण मे वसूली पर उसकी खामोशी समझ से परे है। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया है कि एक देश के अलग अलग राज्यों मे अलग अलग आयु के लोगों को टीकाकरण में अलग अलग दाम निर्धारित होना केंद्र सरकार की अब तक की सबसे बडी कमजोरी व विफलता है। श्री तिवारी ने कहा कि कोविड संक्रमण को लेकर सरकारी विफलताओं से यह साबित हो गया है कि मोदी सरकार के गलत, अविवेकपूर्ण तथा गैरवैज्ञानिक सोच के चलते ही आज संक्रमण से देश के लाखों परिवारों ने अपनी बलि देकर दुखद कीमत चुकाई है। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से शुक्रवार को यहां जारी बयान में उन्होनें मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह कोविड-19 से लडने के नाम पर चुनाव प्रचार का भी गलत हथकण्डा अपना रही थी और यह सरकार सिर्फ अपने चंद पसंदीदा पूंजीपतियों की तिजोरी भरने के लिए देश के लोगों को अंधकार मे रख रही है। उन्होनें कहा कि देश के सामने इस समय साफ तस्वीर है कि कोविड संक्रमण को लेकर शुरू से ही कांग्रेस की चिंता देशहित की रही और भाजपा की चिंता सिर्फ अपना राजनैतिक लाभ साधने तक ही केन्द्रित रहा।

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