कथा व्यास ने राजा परीक्षित की सुनाई कथा, श्रोता हुए भाव विभोर

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कथा व्यास ने राजा परीक्षित की सुनाई कथा, श्रोता हुए भाव विभोर
मोहनलालगंज, लखनऊ।
रिपोर्ट- सरोज यादव।
निगोहां के सैदापुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में दूसरे दिन शनिवार को वृंदावन धाम के कथा व्यास पंडित शिव ओम कृष्ण जी महाराज के श्रीमुख से राजा परीक्षित के जीवनकाल का वर्णन व उनके मोक्ष की कथा सुनकर श्रोतागण भाव विभोर हो उठे।
निगोहां के सैदापुर गांव में श्रीमद्भागवत कथा में दूसरे दिन की कथा सुनाते हुए आचार्य पंडित शिव ओम कृष्ण जी महाराज ने राजा परीक्षित के पूरे जीवनकाल का विस्तार से वर्णन किया। मोक्ष की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि जब राजा परीक्षित ने ऋषि समीक मुनि के गले मे मरा हुआ सर्प डाल दिया था तो यह समाचार सुनकर कौशिकी नदी में स्नान कर रहे समीकमुनि के पुत्र श्रृंगी ऋषि व्यथित हो उठे। उन्होंने नदी का जल लेकर सातवें दिन राजा परीक्षित को तक्षक नाग काटने से मृत्यु का श्राप दे दिया तब राजा ने गंगा के किनारे जाकर ऋषि मुनियों से मोक्ष का उपाय पूछा। सुकदेव जी ने राजा परीक्षित को श्रीमद भागवत कथा का रसपान कराया। कथा सुनने के सातवें दिन राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई। कथा व्यास जी ने उपस्थित श्रोताओं से कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से ही मनुष्य के जीवन के मोक्ष का द्वारा खुल जाता है, इसलिए सबको अपने जीवनकाल में एक बार जरूर भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। सत्संगति पर प्रकाश डालते हुये आचार्य जी ने बताया कि आज का युवा वर्ग भौतिक चकाचौध में कुसंगति के कारण भटक गया है, युवा वर्ग के लिये संदेश है वह संगति अच्छी करे, पढ़ लिखकर योग्य बने एवं हमारी भारत माता की रक्षा करे। इस मौके पर आयोजन प्रताप नारायण मिश्रा, पंडित सतीश मिश्रा, राकेश मिश्रा, पकंज मिश्रा, बासु मिश्रा, अमित मिश्रा समेत काफी सख्या में क्षेत्रीय लोगो ने पहुंचकर कथा का रसपान किया।
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