जानिए किस वजह से है कौशाम्बी जनपद की विश्‍व में पहचान

जानिए किस वजह से है कौशाम्बी जनपद की विश्‍व में पहचान

प्रकाश प्रभाव न्यूज

कौशाम्बी

अक्टूबर-10-10-2020

रिपोर्ट-अनिल कुमार कौशाम्बी

जानिए किस वजह से है कौशाम्बी जनपद की विश्‍व में पहचान

( 1 ) कौशाम्बी ।  यमुना तट पर बसे कोसम ईनाम में भगवान गौतम बुद्ध ने चर्तुमाषा किया था। इसी वजह से कौशांबी का नाम विश्व विख्यात है। गौतम बुद्ध ने घोषिता राम विहार में रहकर तप करने के साथ सत्य और अंहिसा का उपदेश दिया था। गौतम बुद्ध की इस तपोस्थली का विश्व में अलग पहचान है। मान्यता है कि बुद्ध के अनुयायी जब तक यहां नहीं आते हैं, उनकी तीर्थयात्रा अधूरी मानी जाती है। यही कारण है कि कम्बोडिया, श्रीलंका व थाईलैंड समेत पूरे विश्व से बौद्ध धर्म के लोगों का आना-जाना लगा रहता है।


( 2 ) कम्‍बोडिया सरकार ने भव्‍य मंदिर का कराया  निर्माण

गौतम बुद्ध की तपोस्थली से कौशाम्बी की विश्व में अलग पहचान हैं। जैन व बौद्ध स्थल में भारत ही नहीं कंबोडिया, थाईलैंड, श्रीलंका आदि देशों के लोगों को इस स्थान से भारी आस्था जुड़ी है। बौद्ध धर्म के लोगों की मांग पर यहां पर श्रीलंका व कम्बोडिया की सरकार ने बुद्ध के भव्य मंदिर का निर्माण कराया है। आए दिन यहां पर पर्यटकों का आना-जाना बना रहता है। यहां पर करोड़ों की लागत से बौद्ध मंदिर बनाएं गए है, लेकिन देश व विदेश से आने वाले लोगों रखने का कोई इंतजाम नहीं है। रात्रि निवास के लिए सर्किट हाउस का निर्माण अब तक पूरा नहीं हुआ है। इसकी वजह से दर्शन व पूजन के लिए आए हुए अनुयायी शाम को ही वहां से रवाना हो जाते है।

 

( 3 ) सर्किट हाउस लाइब्रेरी व मल्टीपरपज हॉल का कराया जा रहा निर्माण

अधिकतर अनुयायी तो प्रयागराज में होटल लेकर रात गुजारते हैं। इस समस्या को बौद्ध धर्म के अनुयायी व प्रशासनिक अफसरों ने शासन से पूर्व में अवगत कराया था। अफसरों की पहल के बाद यहां पर शौचालय व सर्किट हाउस लाइब्रेरी व मल्टीपरपज हॉल का निर्माण कराया जा रहा है। कार्यदायी संस्था डीएनडीएस के एक्सईएन का दावा है कि जल्द ही निर्माण कार्य पूरी कर लिया जाएगा।


( 4 ) कौशाम्बी खास अपने ऐतिहासिक स्थल की विरासत  विदेशो में विख्यात 

कौशाम्बी खास जो वत्सराज की सोलह महाजनपदों की राजधानी हुआ करती थी यहां पर हिन्दू जैन बौद्ध धर्म का एक बहुत बड़ा इतिहास है त्रेता युगके अनुसार भगवान श्री राम के पुत्र कुश  के पुत्र कुशाम्भ की राजधानी कौशाम्बी थी जैन धर्म के अनुसार पार्स्वनाथ का जन्मभूमि थी एवं बौद्ध धर्म के अनुसार महात्मा बुद्ध जी ने अपना चतुर्मास यही बिताये थे  कौशाम्बी ब्लाक के इस स्थान में पूर्ण सुविधाओ का अभाव आज भी देखा जा सकता है जो ऐसे स्थान की देश विदेश में अपनी ख्याति को प्रसिद्ध है 


( 5 ) संकट मोचन आश्रम कौशम्बेश्वर शिव मंदिर ,कम्बोडिया,श्रीलंका, मम्यार, के मन्दिरो अपने शोभा विकरते हुए

इस कोसम इनाम गांव के वासी अपने को धन्य कहते है क्योंकि सर्व धर्म समभाव के दृष्टि से देखते है 


( 6 ) प्रभासगिरि पर्वत द्वाबा की शान

सरसावा ब्लाक के एवं द्वाबा का मात्र एक पर्वत जो प्रभासगिरि यमुना के किनारे मात्र इकलौता पर्वत है जबकि यह पर्वत जैन तीर्थ के रूप में विश्व मे प्रसिद्ध है लेकिन यह पर्वत उपेक्षा का शिकार है यहां पर 1824 में बने जैन मंदिर का निर्माण किया गया इसके बाद लगातार देश विदेश से लोगों का आना जाना है प्रभाष गिरी पर्वत पर्यटन विभाग के मानचित्र पर भी अंकित है  हिन्दू मन्दिर  जो संकट मोचन आश्रम व कौशम्बेस्वर शिव मंदिर के बगल में एक जोटका तलाब में एक बहुत प्रचीन शिव लिंग प्राप्त हुई जो आमाकुआँ गांव में आज भी शिवजी विराज मान है  ठीक जोटका तलाब के बगल में इस मंदिर में अलग ही छटा विखेर रही है  कौशाम्बी में जैन मंदिरों में एक श्वेताम्बर मन्दिर व धर्मशाला  व दिगम्बर प्रचीन मन्दिर व बौद्ध  मन्दिरो में श्रीलंकाराम बुद्धविहार , कम्बोडिया ,मम्यार, के  के बौद्धभिक्षु  का देश  विदेश के श्रद्धालुओं भारी संख्या में  आना जाना  लगा रहता है


( 7 ) कौशाम्बी पर्यटक विभाग की सूची में भी है शामिल 

जिला बनने के बाद इस पर्यटक स्थलों को विकसित करने के लिए पर्यटक विभाग से कार्य व स्टीमेट तैयार कर विकाश का खाका तैयार किया जा रहा है  

कुछ कार्य पर्यटकों की सुविधा के लिए कार्य चल रहे है यह ऐतिहासिक स्थल में लेकिन इतने से काम नही चलेगा क्योंकि इसे पूर्णविकास करने की जरूरत है तभी इस स्थल का सम्पूर्ण विकास हो सकता है अन्यथा इतिहास के पन्नो तक सिमट कर रह जाएगा कौशाम्बी ।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *