स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड देना कानूनी अपराध है-- हकीम अंसारी

स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड देना कानूनी अपराध है-- हकीम अंसारी

प्रतापगढ 




13.04.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दण्ड देना कानूनी अपराध है--हकीम अंसारी




प्रतापगढ।प्रतापगढ जनपद के पट्टी तहसील क्षेत्र के वीटेल इंस्टिट्यूट एकेडमी गंगेहटी में चाइल्डलाइन 1098 प्रतापगढ़ के तत्वावधान मे बालधिकार पर आउटरीच जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें चाइल्डलाइन के सदस्य हकीम अन्सारी ने बाल अधिकार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्कूल मे बच्चों को शारीरिक दण्ड देना कानूनी अपराध है।किशोर न्याय अधिनियम की धारा 23 के मुताबिक बच्चों के साथ किसी किस्म की क्रूरता नहीं की जा सकती है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009  की धारा 17 के तहत बच्चों को सज़ा देने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। अंसारी ने कहा कि2012 में पारित एक विधेयक के मुताबिक बच्चों को शारीरिक दंड देने पर शिक्षक को तीन साल की जेल हो सकती है। बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-17 किसी भी तरह के शारीरिक दंड, मानसिक प्रताड़ना व भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। बच्चो को दण्ड देना कानून अपराध है।  इसके साथ ही जुबेनाइल जस्टिस एक्ट-2015 की धारा-82 में भी यह परिभाषित है। श्री अंसारी ने कहा कि चाइल्डलाइन 1098 बच्चों का सबसे अच्छा दोस्त है। मुसीबत में फंसे बच्चे किसी भी फोन से 1098 डायल कर मदद मांग सकते हैं। जिसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक विजेंद्र कुमार सहित सभी शिक्षक गण मौजूद रहे।

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