जितिन प्रसाद की अगुआई में लामबंद हो रहे हैं ब्राम्हण युवा

जितिन प्रसाद की अगुआई में लामबंद हो रहे हैं ब्राम्हण युवा

प्रतापगढ़

25. 08. 2020

रिपोर्ट --मो. हसनैन हाशमी

जितिन प्रसाद की अगुआई में लामबंद हो रहे हैं ब्राह्मण युवा


कहा जाता हैं कि भारत की राजनीति में बिना उत्तर प्रदेश को साधे कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता कमोवेश ये बात ठीक भी है।1990 तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का ही बोलबाला रहा है ।उत्तर प्रदेश के अबतक के इतिहास में कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश को सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री दिया।

जिसमें गोबिंद बल्लभ पंत ,श्री पति मिश्र,सुचेता कृपलानी,नारायण दत्त तिवारी ,हेमवती नंदन बहुगुणा प्रमुख रहे।जबसे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कमजोर हुई और नेतृत्व का संकट गहराता गया लिहाजा ब्राह्मण समाज जो कि कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक था जगह जगह बिखर गया।

विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद ब्राह्मण समाज उद्वेलित हुआ नतीजतन सरकार व विपक्ष दोनों ब्राह्मणों को साधने में लग गए।भारतीय जनता पार्टी से नाराज ब्राह्मण किस करवट बैठेगा यह प्रश्न भविष्य के गर्त में अनुत्तरित हैं।

भाजपा में 58 ब्राह्मण विधायकों के बावजूद भी कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिसके पीछे ब्राह्मण खड़े हो सकें।वर्तमान में सभी दलों ने अपने ब्राह्मण चेहरे को आगे कर के ब्राह्मणों को रिझाने की हर संभव कवायद शुरू कर दी है।

प्रदेश में आबादी के लिहाज से ब्राह्मण 14% हैं जो कि निर्णायक हो सकते हैं।ब्राह्मण समाज खुद तो वोट देता ही है साथ मे समाज में माहौल भी बनाता है जिससे अन्य जातियों के वोट भी मिलते हैं जिसका फायदा भाजपा को मिलता रहा है।प्रदेश में अल्पसंख्यकों के बाद एनकाउंटर में मारे जाने वालों में ब्राह्मणों की संख्या दूसरे नंबर पर है।

मंडल कमीशन लागू होने के बाद से उत्तर प्रदेश में जातीय राजनीति हावी रही जिसके नतीजे में सपा , बसपा ने उत्तर प्रदेश की शीर्ष सत्ता प्राप्त की।सत्ता शासन से उपेक्षित ब्राह्मण समाज में भी पिछड़ी व अति पिछड़ी जातियों के भी निशाने पर हैं।हालांकि ब्राह्मणों को इकट्ठा करना मेढक तौलने जैसा ही है ऐसा बहुत कम ही होता है कि ब्राह्मण एक जगह इकट्ठा हो।

पूर्व मंत्री कांग्रेस जितिन प्रसाद के प्रयास ने अब रंग दिखाना शुरु कर दिया है।बीते दिनों जिस तरह से श्री प्रसाद सक्रिय रहे हैं उसका नतीजा अब जमीन व सोशल मीडिया पर दिखने लगा है।ब्राह्मण नेताओं में सबसे आकर्षक व्यक्तित्व जितिन प्रसाद का ही है।

शायद इसी वजह से ब्राह्मण जितिन प्रसाद को अपने नेता के रूप में देखता है।खासकर युवाओं में जितिन प्रसाद बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं अब गांव मोहल्ले हर जगह ब्राह्मणों के विमर्श में जितिन प्रसाद व कांग्रेस ही है।अगर ब्राह्मण कांग्रेस को चुनता है तो वह जितिन प्रसाद को ही मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में चाहेगा।

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