जिलाधिकारी ने बर्ड फ्लू की रोकथाम हेतु जनपद एवं तहसील स्तरीय नोडल अधिकारी का दायित्व निर्धारित किया
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 8 January, 2021 20:44
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प्रतापगढ
08.01.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
जिलाधिकारी ने बर्ड फ्लू की रोकथाम हेतु जनपद एवं तहसील स्तरीय नोडल अधिकारी का दायित्व निर्धारित
जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने बर्ड फ्लू (एवियन इन्फलूएन्जा) की रोकथाम हेतु जनपद एवं तहसील स्तर पर पर्याप्त व्यवस्था कर दी है। उन्होने इस हेतु जनपद एवं तहसील स्तरीय नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया है। उन्होने जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी के रूप में उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 नरेश चन्द्र वर्मा, जनपदीय नोडल सहायक के रूप में पशुचिकित्साधिकारी डा0 राजेश कुमार को तैनात किया है। इसी प्रकार तहसील स्तरीय नोडल अधिकारी के रूप में तहसील पट्टी हेतु पशुचिकित्साधिकारी डा0 अनुराग यादव, लालगंज हेतु उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 सूरज नारायन, कुण्डा हेतु पशुचिकित्साधिकारी डा0 अजय कुमार, रानीगंज हेतु पशुचिकित्साधिकारी डा0 कमलेश चन्द्र प्रकाश तथा सदर हेतु उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 नरेश चन्द्र वर्मा की तैनाती की है। जिलाधिकारी ने जनपद स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित कर दिया है जिसका दूरभाष नम्बर 05342-222817 व 7376411629 तथा 9415653399 है। कन्ट्रोल रूम का प्रभारी पशुधन प्रसार अधिकारी मीनाक्षी एवं सहायक के रूप में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पूनम कुमारी को तैनात किया है।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जनपद में स्थापित बत्तख/पोल्ट्री एवं प्रवासी पक्षियों की गहनतापूर्वक तथा गम्भीरता पूर्वक सर्विलान्स किया जाये। इस हेतु बैकयार्ड पोल्ट्री, पोल्ट्री फार्म, पोल्ट्री दुकान/बाजार, प्रवासी पक्षियों के मार्ग, वन्य जीव अभ्यारण, पक्षी अभ्यारण, नेशनल पार्क, जलाशय, अर्न्तराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों का लगातार सर्विलान्स किया जाये। बर्ड फ्लू की किसी भी स्थिति से निपटने हेतु समस्त उपकरणों/सामग्री व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। कहीं भी पक्षियों की असामयिक एवं आकस्मिक मृत्यु की सूचना मिलने पर तहसील/जनपदीय नोडल अधिकारी द्वारा स्थान का भ्रमण किया जाये। भ्रमण के समय पीपीई किट का प्रयोग किया जाये। संक्रमण के स्थान से पक्षियों एवं मनुष्यों का परिगमन प्रतिबन्धित नियमानुसार कर दिया जाये। पोस्टमार्टम हेतु किसी भी पक्षी का शव विच्छेदन न किया जाये। रोगी पक्षियों की प्रारम्भिक जांच के उपरान्त रोग की आशंका होने पर कम से कम 5 पक्षी (हाल में मृत अथवा रोगी पक्षियों का मारने के पश्चात्) 10 स्वस्थ्य पक्षियों के क्लोएकल एवं ओरोफेरिन्जियल/टै्रक्यिल स्वैब सैम्पल तथा 10 रोगी पक्षियों के सीरम सैम्पल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान आनन्द नगर भोपाल को उचित पैकिंग में विशेष वाहक के द्वारा प्रेषित किया जाये तथा इसकी सूचना संयुक्त सचिव (एल0एच0) पशुपालन एवं डेयरी विभाग भारत सरकार नई दिल्ली को भी प्रेषित किया जाये। किसी भी आपदा स्थिति में जनपद स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रूम पर सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होने कहा कि दिये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाये, किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नही होगे।
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