गो आश्रय स्थलों में चारा,भूसा,पानी एवं साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की जाये--जिलाधिकारी

गो आश्रय स्थलों में चारा,भूसा,पानी एवं साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की जाये--जिलाधिकारी

प्रतापगढ 



05.10.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



गौ आश्रय स्थलों में चारा, भूसा, पानी एवं साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की जाये-जिलाधिकारी,





जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने प्रत्येक गौ आश्रय स्थल पर खण्ड विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुये निर्देशित किया है कि अपने क्षेत्रान्तर्गत समस्त स्थायी/अस्थाई गो आश्रय स्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण कर आख्या प्रस्तुत करें तथा किसी भी प्रकार की कमी पाये जाने पर उत्तरदायित्व भी निर्धारित कर आख्या प्रेषित की जाये। उन्होने समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि संरक्षित गोवंश हेतु आवश्यक चारा, भूसा,  पानी एवं हरा चारा व साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। अस्वस्थ गौवंश की नियमित चिकित्ससा सुनिश्चित की जाये तथा यदि किसी गौवंश की मृत्यु होती है तो उसकी अन्त्येष्टि की भी समुचित व्यवस्था की जाये। गौ आश्रय स्थलों में जलभराव व जल निकासी की स्थिति तथा उनके बरसात में भीगने से बचाव की व्यवस्थाओं का सघन अनुश्रवण कर यह देख लें कि गोवंश आश्रय स्थलों में किसी प्रकार से जल जमाव की स्थिति न उत्पन्न होने पाये। संरक्षित गोवंशों की दवा आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि यदि किसी प्रकार की लापरवाही से किसी स्थायी/अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल में किसी गोवंश की बरसात में भीगने व चिकित्सीय अभाव तथा चारे-पानी आदि की कमी से मृत्यु होती है तो इसके लिये सम्बन्धित ग्राम के सचिव, खण्ड विकास अधिकारी व पशु चिकित्साधिकारी के साथ-साथ सम्बन्धित उपजिलाधिकारी एवं नोडल अधिकारी का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।

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