इलाहाबादी विश्व विख्यात अमरूद की धरोहर को बचाए रखना विभाग की प्राथमिकता

इलाहाबादी विश्व विख्यात अमरूद की धरोहर को बचाए रखना विभाग की प्राथमिकता

प्रकाश प्रभाव न्यूज़



कौशाम्बी। 16-10-2021



मिथलेश कुमार (मोनू साहू)

असि0 ब्योरों कौशाम्बी




इलाहाबादी विश्व विख्यात अमरूद की धरोहर को बचाए रखना विभाग की प्राथमिकता



कौशाम्बी। विकास खंड चायल अंतर्गत पहाड़पुर सुधवर गांव में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप निदेशक उद्यान प्रयागराज मंडल प्रयागराज पंकज कुमार शुक्ला द्वारा अमरुद उत्पादकों को संबोधित करते हुए कहा कि अमरुद को उसकी पहचान के लिए जाना जाने वाला यह अमरूद फल पट्टी क्षेत्र आज धीरे धीरे समाप्त होने की दिशा में बढ़ रहा है विभाग के अधिकारियों तथा किसानों से उन्होंने आवाहन किया कि इलाहाबादी विश्व विख्यात अमरूद की धरोहर को बचाए रखना विभाग की तथा अमरूद किसानों की प्राथमिकता होनी चाहिएl


प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में और औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरो बाग के प्रशिक्षण प्रभारी वीके सिंह द्वारा अमरूद बहार नियंत्रण तथा अमरूद में लगने वाले प्रमुख कीट फल मक्खी के बचाव की जानकारी देते हुए कहा कि फेरोमोन ट्रैप फल मक्खी का नियंत्रण करने में कारगर है एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 15 फेरोमोन ट्रैप लगाकर फल मक्खी का नियंत्रण किया जा सकता है इस ट्रैप के लगाने से नर कीट आकर फस जाते हैं और मादा के साथ निषेचन ना होने के कारण इनकी जनसंख्या पर नियंत्रण हो जाता है प्रसार निदेशालय कृषि विश्वविद्यालय नैनी के वैज्ञानिक डॉ  डीडी मिश्रा द्वारा अमरूद की प्रमुख प्रजातियों की पहचान कराते हुए नए बाग रोपण तथा कैनोपी प्रबंधन की जानकारी दी गई डाक्टर डीडी मिश्रा द्वारा बताया गया कि नए पौधों को लगाने के बाद उनके बगल से निकलने वाले प्रारोह को नियमित अंतराल पर काटते रहना चाहिए 


कृषि विश्वविद्यालय नैनी के वैज्ञानिक डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह द्वारा पुराने अन उत्पादक अमरूद के बागों को जीर्णोद्धार करके नया जीवन देने की तकनीक की जानकारी दी गई, कृषि विज्ञान केंद्र कौशांबी के उद्यान विशेषज्ञ डॉक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा बताया गया कि अमरूद को नया फल लेने के लिए टहनियों को मोड़ कर जमीन की तरफ झुका दे तथा उनसे निकलने वाले नए तने में अधिक संख्या पर फल व फूल आएंगे इस वेंडिंग तकनीक के विस्तार से चर्चा करते हुए किसानों को जानकारी दी गई अमरूद उत्पादक किसानों के प्रतिनिधि मानसिंह एवं सुरेश कुमार द्वारा बताया गया कि वर्तमान में फल मक्खी कीड़ों के द्वारा फलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है इसका निदान किसान के स्तर पर कर पाना असंभव है जिस पर उप निदेशक उद्यान द्वारा किसानों को आश्वासन दिया गया कि आने वाले समय पर अमरूद के पोषण प्रबंधन नए बाग की स्थापना तथा फल मक्खी नियंत्रण से संबंधित कार्य के कुछ प्रदर्शनों को किसानों के खेत पर लगवाए जाएंगे इसके लिए शासन स्तर पर भी इसकी मांग की जाएगी 


उपरोक्त के अलावा उद्यान विभाग से अन्य अधिकारीगण एवं विभागीय कर्मचारियों के अलावा अनेकों अमरूद उत्पादक कृषकों द्वारा भाग लिया गया ।इस किसान प्रशिक्षण में राजेश कुमार,मान सिंह, बच्चा राम,सुनील कुमार,अशोक कुमार,जोगेंद्र सिंह,आदि सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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