इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, राजस्व परिषद में पद खाली होने से पहले भरें जाये ।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
रिपोर्टर :ज़मन अब्बास
दिनांक :18/12/2020
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि उत्तरप्रदेश राजस्व परिषद प्रयागराज व लखनऊ में न्यायिक सदस्य के पद पर नियुक्त किसी भी अधिकारी का भविष्य में तबादला किया जाए तो सबसे पहले किसी की नियुक्ति करने के बाद ही उन्हें कार्यमुक्त किया जाए।
हाई कोर्ट ने कहा कि राजस्व परिषद, प्रदेश मे राजस्व व भूमि सुधार के मामलों की सुनवाई करने वाली सर्वोच्च अदालत है। यदि न्यायिक सदस्यों के पद खाली रखे जाते हैं तो यह प्रदेश की जनता व वादकारियों के साथ अन्याय होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने सीताराम भारती की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने यह आदेश सदस्यों की नियुक्ति न होने से राजस्व परिषद का काम ठप होने को लेकर दाखिल याचिका पर दिया है। कोर्ट के हस्तक्षेप पर राज्य सरकार ने पिछले दिनों सदस्यों की नियुक्ति की है। याचिका पर अधिवक्ता आनंद त्रिपाठी व प्रांशु गुप्ता ने बहस की।
राजस्व परिषद में सदस्यों के खाली पदों को भरने के लिए दाखिल याचिका पर कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार के अधिवक्ता रामलखन देववंशी ने कोर्ट को तीन सदस्यों की नियुक्ति एवं उनके कार्यभार ग्रहण करने की जानकारी दी।
याचिकाकरता का कहना था कि पद खाली होने के कारण उसकी पुनरीक्षण अर्जी तय नहीं हो पा रही है। परिषद सदस्य विहीन हो गया है। कोर्ट ने राजस्व परिषद को याचीका करता के मुकदमे को चार माह में निर्णीत करने का निर्देश दिया है और कहा है कि लंबित मुकदमों के निस्तारण के आदेशों वाले मामलों को तय करने में प्राथमिकता दी जाए।
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