बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा दलितों की बस्ती में जाकर सैंकड़ों दलित परिवारों के काटे बिजली के कनेक्शन।

प्रकाश प्रभाव न्यूज
संवाददाता देशराज मौर्य।
बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा दलितों की बस्ती में जाकर सैंकड़ों दलित परिवारों के काटे बिजली के कनेक्शन।
अमेठी जिलों में बिजली के निजीकरण के बाद कई गांव अंधेर नगरी बने ताजा मामला ग्राम सभा भदसाना का है जो कि मोहनगंज पावर हाउस के अंतर्गत तहसील तिलोई में आता है जहां पर आज बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा दलितों की बस्ती में जाकर सैंकड़ों दलित परिवारों के बिजली के कनेक्शन काट दिए गए बिजली के कनेक्शन काटे जाने के बाद केबल भी उठा ले गई जबकि कुछ ग्रामवासियों द्वारा बिजली का बकायाबिल भी दियाजा रहा था किंतु बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा सभी दलितों के कनेक्शन दिए गए और केबल भी काटकर उठा ले गए जिसके कारण दलितों की बस्ती में काफी आक्रोश है लोगों को कहना है कि पहले तो हम लोगों को मिट्टी के तेल बंद कर दिया गया अब बिजली भी काट दी गई हम लोग अंधेरे में कैसे रहेंगे और यह अंधेरा सिर्फ दलितों की बस्ती में ही क्यों हमारे गांव में जो सवर्ण जाती ठाकुर व अन्य जाति के लोग रहते हैं ऊंची जाति वालों के कनेक्शन नहीं काटे गए जबकि उन लोगों का बिल 100000 से 200000 तक बिजली का बिल है उनके कनेक्शन नहीं काटेंगे जिनके 2000, 5000 तक बिल है उन दलितों के कनेक्शन काट दिए गए दलित किसानों का कहना है कि इस समय आठ ₹10 धान बिक रहा है हम बिजली के बिल कहां से दे सरकारें तो वैसे भी विरोधी हैं रोजी,रोजगार सब कोरोना खा गया है ऐसे में हम अपना परिवार कैसे पाले और बिजली का बिल कहां से जमा करें इस समय हम तो वैसे ही भूखे मर रहे हैं और ऊपर से बिजली वाले हमारे घरों में अंधेरा करके चले गए मिट्टी के तेल भी नहीं मिलता हमारे बच्चे कैसे पढ़ेंगे हम लोग कैसे रहेंगे अंधेरों में जबकि सवर्ण जाति के घर की लाइन नहीं कटेगी उनके घर में बराबर बिजली जा रही है और बिल उनका भी नहीं जमा हैं बिल न जमा करने पर दलितों के ही कनेक्शन काटे जा रहे भदसाना में सन 1988 में राजीव गांधी प्रधानमंत्री के द्वारा बिजली लगवाई गई थी और इस ग्राम सभा के बिजली की जो लाइनें हैं वह काफी खराब स्थिति में पहुंच चुकी हैं आए दिन गांव में बिजली की तार गिरते रहते हैं जिसके कारण कभी कोई भी बिजली विभाग के गिरते तारों के द्वारा मौत का शिकार हो सकता है इस पर बिजली विभाग कोई कार्रवाई नहीं करती इन तारों को सही नहीं करवाया जाता है ऊपर से गरीब किसान और दलितों को परेशान किया जाता है इस बारे में जब मीडिया कर्मियों ने बिजली विभाग के संबंधित अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो बिजली विभाग के जेई ने कहा कि वोट मोदी को दिया है हमको नहीं हम तो बिजली काटेंगे ही जब बिजली विभाग वालों से पूछा गया कि जिस घर में एक बल्ब लगता है उसका बिल ₹30000 और जिसके घर में टीवी ac, फ्रीज व अन्य विद्युत उपकरण उपयोग किए जाते हैं उनका बिल 300रू क्यों आता है तो बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बताया चाहे आप एक बल्ब चलाओ या कूलर टीवी चलाओ विल सबका बराबर ही आएगा उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है
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