प्रतापगढ़ का किसान आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है--हेमंत नंदन ओझा

प्रतापगढ़ का किसान आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है--हेमंत नंदन ओझा

प्रतापगढ़

05. 09.2020

रिपोर्ट --मो. हसनैन हाशमी

प्रतापगढ़ का किसान आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है---हेमंत नंदन ओझा

------------------------

प्रतापगढ़ जनपद के रानीगंज तहसील के ग्राम मिसिद्धिपुर में अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय आह्वान पर एक जागरूकता बैठक का आयोजन किया गया ।बैठक की अध्यक्षता सेवानिवृत्त राजकीय शिक्षक राजाराम शर्मा ने एवं संचालन श्याम शंकर शर्मा ने किया, बैठक को संबोधित करते हुए मजदूर नेता हेमंत नंदन ओझा ने कहा कि प्रतापगढ़ जनपद के किसान और यहां के किसान आंदोलन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वर्णिम अक्षरों से अंकित किया गया है ।उन्होंने ग्राम रूर में 17 अक्टूबर 1920 को पहली बार बनी किसान सभा जिसकी अध्यक्षता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सहदेव सिंह ने किया था और फिर अवध किसान सभा जिसके पहले मंत्री स्वतंत्रता सेनानी पंडित माता बदल पांडे थे। इस किसान सभा के प्रमुख नेता बाबा रामचंद्र ठाकुर झिंगुरीसिंह सहदेव सिंह भगवानदीन कुर्मी आदि थे जिन्होंने अवध टेनेंसी एक्ट के विरुद्ध जो आंदोलन अभियान चलाया उसने पूरे देश के किसानों को जगा दिया इस समय शताब्दी वर्ष चल रहा है दुर्भाग्य है की अवध किसान आंदोलन के शताब्दी वर्ष में किसानों को न केवल अवध में बल्कि पूरे देश में किसान विरोधी ठेका खेती कानूनं व अन्य दो कानून का सामना करना पड़ेगा और यह और दुर्भाग्यपूर्ण है की यह सभी कानून लोकतांत्रिक रूप से लोकसभा और राज्यसभा में बिना पास कराएं अध्यादेश के रूप में लागू किया जा रहा है। जिससे किसानों को और भारी संकट का सामना करना पड़ेगा। देश के किसानों ने 7 वर्ष पूर्व एक ऐसी सरकार का गठन किया था जिससे यह उम्मीद थी कि वह किसान आयोग के सिफारिशों को लागू करेंगे समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करेंगे और किसानों को उनकी खेती का लाभकारी मूल्य मिलेगा । किसानों को मिलने वाली सस्ती बिजली भी जो रियायती दर पर मिलती थी बिजली का निजीकरण होने के कारण अब किसानों को उद्योग की तरह ही बिल चुकता करना पड़ेगा इससे खेती की लागत बढ़ेगी। खेती बचाने गांव बचाने का काम देश बचाने का काम है इसलिए किसानों को एकजुट होना पड़ेगा। सभा को संबोधित करते हुए किसान सभा के पूर्व अध्यक्ष रामबरन सिंह ने कहा कि कांग्रेसी सरकार से ना उम्मीद हुए किसानों को मोदी सरकार से भी भारी हताशा हुई है ऐसे में अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता से ऊपर उठकर देश के किसानों को गांव-गांव में एकजुट होना पड़ेगा तभी कृषि आधारित देश की अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखा जा सकेगा इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान सभा के जिले के महामंत्री निर्भय प्रताप सिंह ने किसानों को एकजुट होने संगठित होने पर बल प्रदान किया उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ का किसान जंगली जानवरों से पहले से ही त्रस्त है खेती पूरी तरह से घाटे का सौदा हो गया अब खेत से जुताई सिंचाई बीज और खाद का पैसा भी वापस नहीं मिल पाता इस के इंतजाम के बजाए सरकार ठेका खेती की ओर बढ़ रही है जिस में होने वाली समस्याओं को लेकर अदालत भी नहीं जाया जा सकेगा और राज्य सरकार कोई दखलंदाजी भी नहीं करेगी सभा को इसके अतिरिक्त किसान नेता हरिप्रसाद यादव ने संबोधित किया। सभा में मुख्य रूप से विनोद कुमार शर्मा वीरेंद्र शर्मा शिवनारायण यादव काशी प्रसाद गौड़ तुलसीराम प्रेम प्रकाश पांडे मनोज सरोज सहित करीब 100 लोगों ने प्रतिभाग किया। उक्त सभा के आरंभ होने से पूर्व सभी को सैनिटाइज कराया गया सभी में मासिक वितरण किया गया और शारीरिक दूरी के साथ बैठ कर के लोगों ने सभा को संपन्न किया।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *