हत्यारों को खोजने में नकाम रही पुलिस पग -पग पर झूठ बोलने वाली पुलिस ने फिर बोला सफेद झूठ ।

हत्यारों को खोजने में नकाम रही पुलिस  पग -पग पर झूठ बोलने  वाली पुलिस ने फिर बोला सफेद झूठ ।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

कौशाम्बी


हत्यारों को खोजने में नकाम रही पुलिस  पग -पग पर झूठ बोलने  वाली पुलिस ने फिर बोला सफेद झूठ


कौशाम्बी। पुलिस की वर्दी कलंकित करने में जिस कदर से पश्चिम शरीरा थाना पुलिस लगी हुई है अब पश्चिम शरीरा की थाना पुलिस की छीछालेदर गली चौराहों पर होती दिख रही है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हत्याओं सहित विभिन्न गंभीर मामलों के अपराधियों को महीनों बीत जाने के बाद पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। हत्यारों को गिरफ्तार करने में थाना पुलिस हाफ रही है जिससे जिले में अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन अब क्या मामला है कि छोटी-छोटी घटनाओं के आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस उतावली दिख रही है। पुलिस का यह उतावलापन भी पुलिसिया कार्यवाही पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। 

थाना पुलिस पर लगातार झूठी कार्यवाही करने और झूठ बोलने का बदनुमा दाग लगता आ रहा है लेकिन पश्चिम शरीरा थाना पुलिस ने पुलिस के इस कारनामे पर मुहर लगाकर पुलिस की और छीछालेदर करा दी है।

पश्चिम शरीरा पुलिस का यह झूठ बड़ा जांच का विषय है और पश्चिम शरीरा पुलिस के इस झूठ के मामले में यदि आला अधिकारियों ने जांच कराई तो पश्चिम शरीरा पुलिस के झूठ के पीछे का राज उजागर होना तय है।

पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के रामाधीन के पुरवा गांव में रविवार की रात 9:00 बजे गांव के दबंगों ने घर के भीतर घुस कर गोमती देवी, हरिश्चंद्र, पिंटू, नागेश आदि पर हमला कर दिया इस हमले में कई लोगों को चोटें आई इस घटना के कुछ देर बाद आरोपी तेजबली, छोटेलाल, नंदलाल  बरम दीन आदि लोग फिर गोमती देवी के बेटे गब्बर से पश्चिम शरीरा थाने के सामने उलझ गए एक तरफ मां और भाइयों के शरीर से खून निकलने से परेशान गब्बर को जब दोबारा हमलावरों ने थाने के गेट पर घेर लिया तो अपने बचाव में गब्बर ने भी हमलावरों पर डंडे से मारपीट शुरू कर दी।इस हमले के घटना को पश्चिम शरीरा पुलिस के मुन्शी दीवान के साथ अन्य पुलिसकर्मी नौटंकी की तरह तमाशबीन बनकर देखते रहे। 

कुछ देर बाद पुलिस ने इस मामले में पहले हमला वालों तेजबली, छोटेलाल को संरक्षण देते हुए गब्बर पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 

हालांकि पुलिस के इन गंभीर धाराओं को मेडिकल जांच के दौरान चिकित्सकों ने बखिया उधेड़ दी और पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया। अब इसी मामले में थाने के सामने से मारपीट के बाद गब्बर को पकड़कर हवालात में डालने वाली पुलिस ने फिर झूठ बोलना शुरु कर दिया। झूठी वाहवाही लूटने के नाम पर पश्चिम शरीरा पुलिस ने गब्बर को हवालात में डालने के बाद गिरफ्तारी मेमो में झूठी कहानी गढ़ते हुए दूसरे दिन सुबह थाने से दो किलोमीटर दूर गैंगहट चौराहा से गिरफ्तारी दिखाई है।

आखिर पुलिस ने जब थाना गेट से गब्बर को गिरफ्तार कर हवालात में डाल दिया था तो उसी समय उसकी गिरफ्तारी दर्ज करने में पुलिस ने आनाकानी क्यों की? 

आखिर 12 घंटे तक पुलिस इस मामले में गिरफ्तारी ना दर्ज कर क्या चाहती थी और दूसरे दिन गिरफ्तारी में झूठी कहानी करने की पश्चिम सरीरा पुलिस को क्या जरूरत पड़ी यह पुलिसिया कार्यवाही जांच का विषय है। यदि आला अधिकारियों ने पश्चिम सरीरा पुलिस के इन मामलों की सूक्ष्म जांच कराई तो पुलिसिया खेल का झूठ उजागर होना तय है लेकिन क्या पश्चिम सरीरा पुलिस के इस झूठे खेल को आला अधिकारी उजागर कर पुलिस की मर्यादा तार-तार करने वाले पश्चिम शरीरा पुलिस को दंडित कर पुलिस वर्दी को कलंकित होने से बचाएंगे या फिर पश्चिम सरीरा पुलिस की मनमानी इसी तरह कायम रहेगी यह पुलिसिया व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।

हालांकि कोखराज थाना क्षेत्र में बालक मऊ में डॉक्टर हत्याकांड सैनी कोतवाली के दौलतपुर कछार केसरिया पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र में बालू माफियाओं द्वारा अधेड़ को जिंदा जला दिए जाने सहित तमाम ऐसे हत्याकांड है जिनका खुलासा करने में पुलिस उतावली नही दिख रही है ।

संवादाता- अनिल कुमार कौशाम्बी

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