विधानसभा सामान्य निर्वाचन के साथ विधान परिषद की सीटों पर चुनाव कराए जाने का ऐलान भाजपा की हताशा-- प्रमोद तिवारी

विधानसभा सामान्य निर्वाचन के साथ विधान परिषद की सीटों पर चुनाव कराए जाने का ऐलान भाजपा की हताशा-- प्रमोद तिवारी

प्रतापगढ 



29.01.2022



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




विधानसभा सामान्य निर्वाचन के साथ विधान परिषद की सीटों पर चुनाव कराये जाने का ऐलान भाजपा की हताशा-प्रमोद तिवारी




 केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने प्रदेश मे विधानसभा के सामान्य निर्वाचन जारी रहने के बीच विधान परिषद की छत्तीस सीटों पर भी चुनाव के ऐलान को आश्चर्यजनक एवं अनौचित्यपूर्ण ठहराया है। श्री तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास मे शायद यह पहली बार हो रहा है कि जब विधानसभा के सामान्य निर्वाचन हो रहे हों तो उस समय विधान परिषद के छत्तीस सीटों के चुनाव की तिथियांे की घोषणा की जा रही हो। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार की इस मंशा से साबित हो गया है कि आगामी तीन मार्च व सात मार्च को विधान परिषद के स्थानीय निकाय का चुनाव होना यह दर्शाता है कि भाजपा की समझ मे अब अच्छी तरह आ चुका है कि आगामी दस मार्च, 2022 को उसका सियासी पतन होना निश्चित है। शनिवार को नगर स्थित कैम्प कार्यालय पर पत्रकार वार्ता मे प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनके संसदीय अनुभव का तकाजा है कि शायद कभी विधानसभा के सामान्य निर्वाचन के साथ विधान परिषद के चुनाव साथ साथ हुए हों। श्री तिवारी ने सियासी तंज कसते हुए कहा कि इस फैसले से भाजपा की तरफ से इस बात का ऐलान ए फैसला है कि वह खुद को सत्ता से बेदखल मान चुकी है। उन्होनें कहा कि विधान परिषद चुनाव को भी दस मार्च के पहले सम्पन्न करा लेने की भाजपा की मंशा साफ है कि वह जान गई है कि इसके बाद प्रशासन उसके साथ नही होगा। बकौल प्रमोद तिवारी भाजपा मुगालफत मे है कि प्रदेश के ज्यादातर अधिकारी यह समझ चुकें है कि मौजूदा मुख्यमंत्री मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की तरह दस मार्च को प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद भाजपा शासित यूपी के अंतिम शासक होंगे। वहीं सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने केन्द्र की मोदी सरकार को आडे हाथ लेते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन ही देश की राजधानी दिल्ली मे एक बीस वर्षीया विवाहिता के साथ जिस तरह से सामूहिक दुष्कर्म किये जाने व उसके बाल काटकर हैवानियत की घटना सामने आयी है यह बेहद शर्मनाक और भयानक है। वहीं श्री तिवारी ने कोरोना महामारी के तीसरे वर्ष मे फिर ज्यादातर लोगों की नौकरी से अलग थलग पड़ना और कम कमाई जिस तरह से अनिश्चिचता का माहौल बनाये है वह देश के लिए निराशाजनक भी है। श्री तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार की अक्षमता के चलते बढ़ते रोजगार संकट और बढ़ती गरीबी की परस्पर बढ़ी चुनौती भी सिर्फ मोदी सरकार की चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की ही हताशा परोस रही है। सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि अविधिक श्रम बल सर्वेक्षण की रिर्पोट बेरोजगारी दर पैंतालिस साल के उच्चतम स्तर को दर्शा रही है। वहीं मध्यम वर्ग भारी कर्ज मे डूबा हुआ है और उसकी बचत भी लगातार बढ़ती मंहगाई से खत्म हो गयी। श्री तिवारी ने आश्चर्य जताया कि ओमिक्रान के भी संकट के दौर मे गरीब की आमदनी को तिरपन प्रतिशत घट गयी है और इसके विपरीत पूंजीपतियों की वार्षिक घरेलू आय मे उन्तालिस फीसदी की वृद्धि सामने आयी है। श्री तिवारी ने कहा कि इससे यह साबित हो गया है कि अरबपतियों की बढ़ती सम्पत्ति तो कम नही हो रही है उल्टे ग्रामीण किसान और मध्यम वर्ग हर क्षेत्र मे मंहगाई की पीड़ा से त्राहिमाम कर उठा है। वार्ता के दौरान प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, चेयरपर्सन प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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