होलसेल व्यापारियों की मनमानी से परेशान हो रहे हैं खुदरा व्यापारी

होलसेल व्यापारियों की मनमानी से परेशान हो रहे हैं खुदरा व्यापारी

Prakash prabhaw news 

 

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होलसेल व्यापारियों की मनमानी से परेशान हो रहे हैं खुदरा व्यापारी


*उड़ रही है सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां*


जहां एक तरफ सरकार लगातार सोशल डिस्टेंसिंग की बात करके लोगों को जागरूक करने की बात कर रही है।

 


 तो वहीं दूसरी तरफ अगर खुदरा व्यापारियों की बात करें,
तो उनके आगे एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो रही है

 

होलसेल मार्केट में जा कर सामान खरीददारी करना।

 

जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आती लेकिन खुदरा व्यापारियों की मजबूरी है कि उन्हें होलसेल मार्केट में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

 


खुदरा व्यापारियों की मानें तो उन्होंने थोक व्यापारियों से कई बार अनुरोध किया कि एक दिन पहले ऑर्डर लेकर उनकी दुकान तक माल पहुंचाने में सहायता करें
और पूरे माल का भुगतान डिलीवरी के समय ही ले लें।

 

 ताकि खुदरा व्यापारियों को होलसेल मार्केट न जाना पड़े और ना ही उन्हें किसी को पास के दिखाने की आवश्यकता पड़े और ना ही बाजार में भीड़ होगी।

 

 इस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी होगा और जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।


  एक सर्वे के अनुसार जानकारी प्राप्त हुई कि बहुत सी कंपनियों के द्वारा खुदरा व्यापारियों को फोन आता है

 

और वह एक निश्चित स्थान बताते हैं जहां से उन्हें माल उठाना होता है।


जिसको लेकर खुदरा व्यापारी बहुत ही परेशान हैं।


 वहीं दूसरी तरफ ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर के शनिवार देर रात को उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से ई-कॉमर्स कंपनियों को अनुमति दिए जाने के विषय में देशभर के व्यापारियों की पीड़ा बताकर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की थी।


भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने व्यापारियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए संबंधित मंत्रालय से बात कर व्यापारियों की समस्या का समाधान किया,


और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वयं आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता को फोन किया,
 और ई-कॉमर्स कंपनियों को दी गई अनुमति वापस लिए जाने की जानकारी दी।


उसके साथ ही व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने देश के 7 करोड़ व्यापारियों की तरफ से रक्षा मंत्री का धन्यवाद किया।
लेकिन समस्या सबसे बड़ी यही है

 

कि अगर थोक व्यापारी इन खुदरा व्यापारियों के माल की डिलीवरी अगर दुकान तक करने में मदद करते हैं,


तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाक डाउन में बहुत बड़ा सहयोग साबित होगा।

 

 क्योंकि जब बाजार में भीड़ नहीं होगी,तो अपने आप लॉक डाउन का पालन होगा।

 

देखने वाली बात अब यह होगी कि जिस तरह से ई कॉमर्स कंपनी हो पर रोक लगाकर सरकार ने थोक व्यापारी व्यापारियों के साथ की पीड़ा को देखते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों पर रोक लगा दी।


उसी तरह से खुदरा व्यापारियों के हित को देखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णतया पालन करते हुए,


 थोक व्यापारियों से खुदरा व्यापारियों के दुकान तक माल की डिलीवरी की व्यवस्था सुनिश्चित कराती है या नहीं।

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