होलिहारी हुई तेज, आकार बढ़ाने लगी होलिकाएं

पीलीभीत न्यूज
रिपोर्ट:- नीलेश चतुर्वेदी
होलिहारी हुई तेज, आकार बढ़ाने लगी होलिकाएं
पीलीभीत: आगामी 29 मार्च को पड़ रहे रंगों के पर्व होली को मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसी के साथ जगह-जगह स्थापित होलिकाओं का आकार बढ़ाने को युवा व बच्चों होलिहारी तेज कर दी है। यानी देर रात तक घूम-घूमकर घास-फूस से लेकर उपली व लकड़ी आदि लाकर होलिका में डालने लगे हैं। होल्लई माता द अशीष का शोर गूंजने लगा है। उधर होलिका को वृहद रूप देने की कोशिश में हरे पेड़ों की कटाई भी शुरू कर चुके हैं। स्थिति यह है कि शैशवावस्था में तमाम छोटे-बड़े पेड़ों की बलि दे दी जा रही है। जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है।
रंगों के पर्व के पूर्व होलिका जलाने की परंपरा है। ऐसे में जगह-जगह होलिकाएं स्थापित कर दी गई है। लोग होलिकाओं के आकार को विशाल रूप देने में जुट चुके हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में युवा व बच्चे दिन-रात एक कर होलिकाओं में लकड़ी, उपली आदि लाकर डाल रहे हैं।
सबसे चितनीय विषय यह है कि होलिका को विशाल रूप देने के कोशिश में लोगों के जरूरी सामान आदि तक उठाकर जहां होलिका में डाल दिया जा रहा है तो छोटे-छोटे पेड़ों को काटकर होलिका की भेंट चढ़ा दी जा रही है। इससे पर्यावरण को क्षति हो रही है। लोगों को चाहिए की होलिकाओं में खराब हो चुकी चीजों को ही डालें। साथ ही हरे पेड़ को कटाई न करें। समाज के लोगों को भी इसके प्रति जागरुक होना चाहिए।
विद्युत तारों के नीचे न लगाएं होलिका
सुरक्षा की नजर से विद्युत तारों के नीचे होलिका न लगाएं। इससे किसी भी समय दुर्घटना होने का खतरा बना रहेगा। विशेषकर नगरीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे व तारों के नीचे होलिकाएं लगा दी जाती है। ऐसे में लोगों को सचेत होना होगा। नहीं तो चंद पल की खुशी हासिल करने की कोशिश में कोई दुर्घटना हुई तो फिर जीवन भर उसकी भरपाई नहीं हो सकेगी।
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