ग्राम पंचायतों में गजब का भ्रष्टाचार, जांच में मामला सही पाये जाने पर भी नहीं हो रही है कार्यवाही

प्रतापगढ़
04. 09. 2020
रिपोर्ट --मो. हसनैन हाशमी
ग्राम पंचायतों में गजब का भ्रष्टाचार, जांच मे मामला सही पाये जाने पर भी नहींं हो रही है कार्यवाही ।
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प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में फ्राड करके किया जा रहा है बडा़ घोटाला, प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत नब्बे दिवस का काम दिये जाने के लिए सरकार द्वारा निर्देश दिया गया है। जबकि ग्राम पंचायतों मे आवास लाभार्थी को मजदूरी धनराशि के बारे में जानकारी ही नहीं है, इसका लाभ उठाकर मजदूरी की धनराशि को लाभार्थी के खाते में न डालकर अन्य लोगों के खाते मे डाल दिया जाता है। ऐसे ही भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिये सांसद संगम लाल गुप्ता द्वारामं डलायुक्त प्रयागराज को शिकायती पत्र देकर इस विषय पर जांच करने की बात कही गयी। मण्डलायुक्त द्वारा मुख्य विकास अधिकारी प्रतापगढ़ को जांच करने के लिये कहा गया कि प्रधानमंत्री आवास हेतु निर्गत धनराशि एक लाख बीस हजार के अतिरिक्त पन्द्रह हजार रूपये अलग से मनरेगा योजना अन्तर्गत मजदूरी हेतु लाभार्थी को दिया जाता है। लेकिन इसकी जानकारी लोगो में न हो पाने के कारण इसका फायदा उठाते हुये कुछ काल्पनिक और अपने चहेते लोगों का जाब कार्ड तैयार कराकर आनलाइन रूपये उनके खाते मे भेजकर निकलवाते हुये आपस में बंदरबाट कर लिया जा रहा है। जबकि इस सम्बन्ध मे शासनादेश है कि मजदूर की भी धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते मे भेजी जाये। अतः इस प्रकरण की जांच कराकर प्रभावी कार्यवाही करने का कष्ट करें और अवगत भी करायें। तब जनपद स्तर के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा विकास खण्ड सांगीपुर, लक्ष्मणपुर एवं सदर की त्रिस्तरीय टीम बनाई गयी। सदर विकास खण्ड के पांच ग्राम पंचायतों मे जब जांच करायी गयी तो पता चला कि तीन लाख छत्तीस हजार आठ सौ बहत्तर रूपये की धनराशि आवास लाभार्थियों को न मिलकर अन्य लोगों के खाते मे भेजा गया है। जांच आख्या के आधार पर बताया गया कि ग्राम रोजगार सेवक,सचिव ग्राम पंचायत,कम्प्यूटर आपरेटर एवं लेखा सहायक दोषी मिले हैं। इसलिये तीन दिन के अन्दर सम्बंधित दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम-पदनाम एवं वर्तमान मे तैनाती का विवरण दें, जिससे दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सके। यह 21 अगस्त 2020 को कहा गया लेकिन 14 दिन बीत चुके हैं अब तक किसी पर कार्यवाही नहीं हुई । सूत्रों की मानें तो धनबल और सत्ता से सांठगांठ के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई । अब सबसे बडा यक्ष प्रश्न यह है कि अगर सिर्फ पांच ग्राम पंचायतों मे इतना बडा घोटाला है तो सोचिये कि सिर्फ सदर विकास खण्ड में तकरीबन अस्सी ग्राम पंचायते हैं, अगर पूरे जिले की ग्राम पंचायत पर ध्यान दें तो करोड़ों रूपये का गोलमाल किया गया होगा। इसलिये आखिर क्यों नही हुई कार्यवाही? कौन देगा इसका जवाब।
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