जवाबदेही की मजबूरी में पीएम ने किया निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की घोषणा---प्रमोद तिवारी

जवाबदेही की मजबूरी में पीएम ने किया निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की घोषणा---प्रमोद तिवारी

प्रतापगढ 




08.06.2021




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



जबाबदेही की मजबूरी मे पीएम ने किया निशुल्क खाद्यान्न वितरण की घोषणा- प्रमोद तिवारी 




केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य एवं यूपी आउटरीच एण्ड कोआर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने पीएम नरेन्द्र मोदी के देश मे गरीबी रेखा से नीचे लोगों को दीपावली तक मुफ्त राशन दिये जाने तथा वैक्सीनेशन को लेकर की गई घोषणा को न्यायपालिका के प्रति केंद्र की जबाबदेही से बचने के तहत मजबूरी भरी घोषणा करार दिया है। श्री तिवारी ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट से पैतीस हजार करोड रूपये कोरोना महामारी के मद में सरकार से खर्च का सवाल उठा तो पीएम ने अन्नदाता किसान के खुद के खाद्यान्न उत्पादन की क्षमता का लाभ उठाते हुए ये घोषणाएं करने की विवशता झेली है। श्री तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खाद्यान्न के क्षेत्र में आज आत्मनिर्भर भारत को अगर किसानो की देन स्वीकार करते तो उन्हें इसी समय तीनों काले कृषि कानून भी वापस लिये जाने का ऐलान करना चाहिये था। प्रमोद तिवारी ने कहा कि किसान तो देश को इतना अनाज की उपज दे गया है कि इस समय दूसरे देशों को भी हम खाद्यान्न के क्षेत्र मे मदद करने की स्थिति मे आ गये है। इसके बावजूद उन्हीं किसानो को जायज मांग के लिए मोदी सरकार राजधानी दिल्ली न पहुंच पाने के लिए कटीले तार लगवाये और पत्थर तथा सीमेण्ट की तीन लेअर अवरोध बनाकर बर्बर लाठी चार्ज भी कराया। प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री यदि किसानो व गरीबो के प्रति सही मायने मे संवेदनशील होते तो उन्हें अपनी घोषणा मे किसान आंदोलन के दौरान निर्दोष किसानो पर थोपे गये फर्जी मुकदमें की भी वापसी तथा किसानो के प्रति सरकार की उत्पीडक कार्रवाई पर अपनी सरकार की ओर से प्रायश्चित का भी बोध कराना चाहिये था। इधर सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद ने उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना महामारी के चलते अस्पताल मे भर्ती बाइस लोगो की आक्सीजन के अभाव मे हुई मौत को नरसंहार करार दिया है। श्री तिवारी ने आगरा के एक अस्पताल मे बाइस निर्दोष लोगो से इलाज के दौरान आक्सीजन हटा लिये जाने के कारण हुई मौत को अब तक की सबसे बडी स्तब्धकारी एवं लज्जाजनक घटना करार दिया है। श्री तिवारी ने यह भी कहा है कि जब सरकार तथा आगरा के डीएम स्वयं इसकी जांच होने की बात स्वीकार कर रहे है तो ऐसे मे ऐसी अमानवीय नृशंस घटना की हाईकोर्ट के जज की देखरेख मे सरकार जांच कराये जाने का ऐलान करे। वहीं उन्होने घटना के दोषियो को चिन्हित कर उन्हें इतने बडे नरसंहार के लिए कानून के तहत वीभत्स से वीभत्सम अपराध के लिए कडी से कडी सजा दिये जाने की भी मंाग की है। वहीं सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने पेट्रोल तथा डीजल के दामो मे लगातार उछाल को लेकर भी मोदी सरकार पर सवाल उठाए है। उन्होने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थो के दाम लगातार बढ़ रहे है और देश के पेट्रोलियम मंत्री सरकार की अनियंत्रण की दयनीय दशा को छिपाने के लिए अल्पज्ञान से सच्चाई पर पर्दा डालने की बयानबाजी कर रहे है। उन्होने केंद्र की मोदी सरकार से अविलंब देशवासियों को मंहगाई के इस चिंताजनक हालात से बाहर लाने के लिए पेट्रोल तथा डीजल की कीमत कम करने की भी मांग उठाई है। श्री तिवारी ने कहा कि सरकार अंर्तराष्ट्रीय बाजार मे कच्चे तेल की कीमत की गलत आंकडेबाजी कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की जिद छोडें और हर कीमत पर सरकारी टैक्स हटाते हुए पेट्रो पदार्थो के दाम कम करे। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी बयान मे प्रमोद तिवारी ने लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के स्वर्णिम दौर का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार अब आत्मसम्मान की मजबूत विरासत को संभाल न पाये तो कम से कम आत्मसम्मान के साथ समझौते से बाज आये।

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