जानबूझकर भूल करना घमंड दिखाता है--- करुण पांडे

जानबूझकर भूल करना घमंड दिखाता है--- करुण पांडे

प्रतापगढ 



20.11.2021




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



जानबूझकर भूल करना घमंड दिखाता है -- करुण पांडेय



 किसान  बिल वापस लेने की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने जो पछतावा का नाटक किया वह इनके घमंड को दिखाता है, किसान बिल के कारण आंदोलनरत किसानों का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई केंद्र सरकार को करनी होगी 700 से ज्यादा किसान मारे गए तब प्रधानमंत्री को पछतावा नहीं हुआ आज जब भारत देश का किसान मध्यावधि चुनाव में इनकी जमानत जप्त करने लगा तब यह घड़ियाली आंसू बहाने लगे और किसानों से माफी मांगना शुरू कर दिया इससे किसान मानने वाला नहीं है, एमएसपी इन को तय करना होगा उक्त बातें किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष करुण पांडे "बिन्नू भइया" ने एक प्रेस रिलीज में कही।

              बिन्नू भइया ने कहा की हमारे देश का किसान हमेशा देश की मजबूती के लिए कमरतोड़ मेहनत करके आज देश को आत्मनिर्भर बना दिया है उसी का खामियाजा किसान भुगत रहा है कि देश के प्रधानमंत्री अपने घमंड में चूर 1 वर्ष से किसानों को सड़क पर बैठा रखा है तब इन्हें पछतावा नहीं हुआ आज जब मध्यावधि चुनाव में इनकी जमानत जप्त होने लगी तो इन्हे पछतावा होने लगा और इन्हें किसानों की याद आई किसान अपने हक के लिए अपना बलिदान 1 वर्ष से देता रहा 700 से ज्यादा किसान शहीद हुए तब प्रधानमंत्री जी को अपनी गलतियों का एहसास नहीं हुआ, जब इनके राज्यमंत्री का लड़का किसानों को कीड़े मकोड़े की तरह अपनी गाड़ी से रौंद रहा था तब इन्हे अपनी भूल का एहसास नहीं हुआ जब किसान अपने वजूद के लिए लड़ाई लड़ता रहा संसद भवन में विधानसभाओं में किसान बिल का विरोध होता रहा माननीय सांसद गण इनको एहसास दिलाते रहे तब इन्हें पछतावा नहीं हुआ इनको अपनी भूल का एहसास नहीं हुआ देश को गुलाम बनाने की पूरी योजना बनाकर के अपने घमंड में चूर नरेंद्र मोदी जी किसानों, मजदूरों, गरीबों, मजलुमो की बात सुनना उचित नहीं समझते केवल चुनाव में हारने के बाद इन्होंने समीक्षा की कि हमारे देश का किसान अपनी ताकत पर कितना भी ताकतवर  प्रधानमंत्री हो उसे धूल चटा सकता है। किसानों की ताकत का अंदाजा हो चुका है और किसान आने वाले चुनाव में इनको निश्चित रूप से अपनी ताकत का एहसास दिलाएगा, जब प्रधानमंत्री बॉर्डर पर लोहे की कील लगवा रहे थे, किसानों को खालिस्तानी कह रहे थे, आंदोलन जीवी कह रहे थे तब इन्हें भूल का एहसास नहीं हुआ भारत देश का किसान आंदोलन जीवी नहीं है अन्नदाता भारत देश को पालता है भारत देश को आत्मनिर्भर बनाता है यह बात अहंकार में चूर प्रधानमंत्री के समझ में नहीं आई देर से ही सही किसानों की ताकत का अंदाजा हुआ वह किसानों के ताकत के आगे झुक कर विल वापस लेने की बात कही इसके लिए इनको साधुवाद और किसानों को बहुत-बहुत बधाई।

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