पांच सूत्रीय मांगों को लेकर किसानो का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर हल्ला बोल

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ग्रेटर नोएडा
पांच सूत्रीय मांगों को लेकर किसानो का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर हल्ला बोल
पांच सूत्रीय मांगों को लेकर किसानो का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर हल्ला बोल प्रदर्शन करते हुए घेराव किया। किसान DMIC पर चल रहे निर्माण कार्य को बंद कराने व अथॉरिटी पर ताला जड़ने की रणनीति बनाकर आए हैं। सैकड़ो किसानों के प्राधिकरण पहुंचने सूचना मिलते प्राधिकरण कार्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया और डंपर और बुलडोजर लगा रास्ते को जाम कर दिया गया था। किसानों के प्रदर्शन के चलते अथॉरिटी के सामने का मार्ग बाधित हो गया है। किसानों में महिलाएं व बुजुर्ग भी शामिल थे।
पैदल, चार पहिया व ट्रैक्टरों पर सवार होकर चिटहैरा, कठहैरा, पल्ला, पाली और बोड़ाकी समेत करीब 80 गांवों के किसान जिसमे महिलाएं व बुजुर्ग भी शामिल थे प्रदर्शन करने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचे और प्राधिकरण का घेराव किया। ये किसान दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) से प्रभावित किसानों नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा व सुविधाएं दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
बीते माह भी किसानों ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सामने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था। 23 फरवरी को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना व अथॉरिटी के CEO नरेंद्र भूषण ने किसानों के साथ बैठक कर एक सप्ताह में मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया था। लेकिन अभी तक मांगें पूरी नहीं हुई हैं।
किसानों का कहना है कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक रेल कॉरिडोर और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सुनियोजित विकास के लिए इन काश्तकारों की भूमि ली गई है। किसानों से प्राधिकरण ने सीधे बैनामा और अधिग्रहण प्रक्रिया से जमीन ली है। उनकी मांग है कि उन्हें नए भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत मिलने वाली सुविधाएं दी जाएं।
किसान नए भूमि अधिग्रहण कानून-2013 के अनुसार बाजार दर का 4 गुणा मुआवजा, 20% प्लॉट और सभी औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय युवाओं को रोजगार में 50% का आरक्षण मांग रहे हैं। साथ ही पुराने कानून के तहत जमीन अधिग्रहण से प्रभावित सभी किसानों को 64.7% मुआवजा और 10% प्लॉट की सुविधा तुरंत देने की मांग कर रहे हैं।
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