ग्राम प्रधान की मनमानी ग्रामीणों पर भारी

ग्राम प्रधान की मनमानी ग्रामीणों पर भारी
पी पी एन न्यूज
कमलेन्द्र सिंह
खागा/ फतेहपुर
आजादी से लेकर आज तक सरकारों ने गाँव को भले ही शहरों की तरह विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ो का बजट अवमुक्त किया हो। और उन योजनाओं के धरातल पर क्रियान्यवयन करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान व पँचायत सेक्रेटरी को दी हो।
किन्तु ग्राम प्रधान व पँचायत सेक्रेट्रियों ने गाँव के विकास के लिये अवमुक्त बजट को धरातल में खर्च करने की बजाय आपसी बन्दरबांट कर केवल कागजों तक ही सीमित कर दिया।
नतीजतन आज जब केंद्र और प्रदेश की सत्ता में दोनों जगह ही सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा की योगी मोदी नेतृत्व वाली सरकारें सत्ताशीन हैं।
तब भी विकास से अछूते होने के कारण गाँव बदहाली के आँसू बहा रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला विजयीपुर विकास खण्ड के गढ़ा ग्राम पँचायत का प्रकाश में आया जहां के ग्राम प्रधान व पँचायत सेक्रेटरी ने विकास के नाम पर केवल मजाक किया है।
जिसका दंश यहां के ग्रामीणों को सड़क, पानी, बिजली, दूषित जल निकासी के लिये नाली जैसी मूल भूत सुविधाओं से वंचित रहते हुए भुगतना पड़ता है।
यही नहीं बल्कि ग्रामीणों की मानें तो गाँव की सभी सड़कें पुनर्निर्माण के अभाव में गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। जिसमें भी सबसे बदतर हालात ग्राम पंचायत के दर्जनों मजरों को जोड़ने वाली हरदासपुर से झुरहापुर जाने वाली सड़क का है। जो कि पुनर्निर्माण ना होने की वजह से पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है।
जिससे बाइक या चौपहिया वाहन से आवागमन करना तो दूर की कौड़ी बल्कि पैदल चलना भी जोखिम भरा है। जिसमे गिरकर आये दिन कोई ना कोई क्षेत्रीय ग्रामीण गम्भीर चोटों का शिकार होते रहते हैं।
जिसको बनवाए जाने के लिये ग्रामीणों ने कई बार ग्राम प्रधान से माँग भी की। किन्तु ग्राम प्रधान ने मनमानी रवैय्या अपनाते हुए इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
यही नहीं बल्कि ग्रामीणों की मानें तो गाँव मे पिछले एक वर्ष से तैनात सफाई कर्मी ने अपनी शक्ल नहीं दिखाई है।
जिससे सफाई के अभाव में गाँव के चारों तरफ गन्दगी का अंबार लगा हुआ है।
जिससे निकलने वाली सड़ांध के कारण ग्रामीणों का खुली हवा में सांस लेना भी दूभर है।
इस दौरान ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व पँचायत सेक्रेटरी पर आवास, सौंचालय, योजना में धांधली करते हुए सुविधा शुल्क लेकर योजनाओं का लाभ पात्रों की जगह अपात्रों को देने का आरोप भी लगाया।
वहीं इस सम्बन्ध में जब ग्राम प्रधान (प्रतिनिधि)लालू यादव से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने आदतन फोन उठाना मुनाशिब नहीं समझा।
बी डी ओ गोपीनाथ पाठक ने कहा कि बजट ना होने के कारण सड़क का पुनर्निर्माण नहीं कराया गया। बल्कि भ्र्ष्टाचार के आरोपों के बावत पूँछने पर फोन रख दिया।
जबकी उपजिलाधिकारी प्रह्लाद सिंह ने कहा कि मामले की टीम गठित कर निष्पक्ष जाँच करवाई जाएगी। और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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