फलदार हरे वृक्षों के साथ सरकारी पेड़ धराशाई कर रहे माफिया

फलदार हरे वृक्षों के साथ सरकारी पेड़ धराशाई कर रहे माफिया

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ 


कौशाम्बी । 1 जुन 2020


रिपोटर-राहुल यादव नेवादा पिपरी


फलदार हरे वृक्षों के साथ सरकारी पेड़ धराशाई कर रहे माफिया



पुरामुफ्ती कौशाम्बी-  लकड़ी माफिया बेलगाम हैं और बिना ट्रांजिट परमिट के हरे पेड़ों को इलाहाबाद जिले की आरा मशीनों में लाकडी माफिया भेजने में लगे हैं लेकिन कौशाम्बी वन विभाग के साथ-साथ इलाहाबाद वन विभाग के अधिकारी धृतराष्ट्र बनकर हरे पेड़ों की कटान को देख रहे हैं जिससे जिले की हरियाली को गंभीर संकट उत्पन्न है बीते एक महीने के बीच पुरामुफ्ती थाना क्षेत्र के एक दर्जन गांव में सैकड़ों हरे फलदार वृक्षों को लकड़ी माफियाओं ने काट डाला है और डीसीएम यूटिलिटी जैसे वाहनों में हरी लकड़ियों को इलाहाबाद के बमरौली और आस - पास के आरा मशीनों में भेज दिया है। 

सूत्रों की माने तो लकड़ी माफियाओं के इस अवैध काले कारोबार में वन विभाग के कर्मचारियों की अवैध वसूली बेखौफ तरीके से चल रही है इतना ही नहीं थाना पुलिस हरे पेड़ों के कटान में लकड़ी माफियाओं से अवैध वसूली कर फलदार वृक्षों की कटान को बढ़ावा दे रही है सुबह से ही लकड़ी माफियाओं के लकड़हारे आधुनिक पेट्रोल आरा मशीन को हाथों में लेकर गांव क्षेत्र में पहुंच जाते हैं।

और आधुनिक पेट्रोल आरा मशीन से कुछ मिनट में भारी-भरकम पेड़ों को गिरा कर लकड़ी माफिया वाहनों में भरकर आरा मशीनों तक पहुंचा देते हैं इन लकड़ी माफियाओं के पास ना तो हरे पेड़ों के कटान का परमिट है और ना ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक लकड़ी भेजने के लिए वन विभाग द्वारा ट्रांजिट परमिट जारी किया जाता है पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के जनका पुरैनी मीरपुर काजीपुर के आसपास फतेहपुर घाट सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिदिन हरे पेड़ों की कटान जारी है लकड़ी माफियाओं का हौसला इस कदर बढ़ गया है कि अब निजी हरे फलदार वृक्षों के साथ-साथ वह सड़क के किनारे लगे सरकारी हरे वृक्षों को भी काट कर उठा ले जाने में तनिक भय नहीं खाते हैं।

देखते-देखते सड़क के किनारे के सैकड़ों हरे पेड़ कुछ महीने के बीच लकड़ी माफियाओं ने काट दिया है विभागीय उदासीनता के चलते लकड़ी माफियाओं का यह खेल बेखौफ तरीके से चल रहा है जो विभाग की निरंकुशता को उजागर कर रहा है हरियाली नष्ट करने वाले इन माफियाओं पर कब अंकुश लगेगा यह व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।

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