झुग्गियों में रहने वाले अराजक तत्वों से परेशान होकर लोग मकान बेच कर पलायन करने को है मजबूर

झुग्गियों में रहने वाले अराजक तत्वों से परेशान होकर लोग मकान बेच कर पलायन करने को है मजबूर

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लखनऊ।  

रिपोर्ट, नीरज उपाध्याय 

झुग्गियों में रहने वाले अराजक तत्वों से परेशान होकर लोग मकान बेचने को है मजबूर


उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों पहले अलीगढ़ में एक समुदाय से परेशान होकर कुछ लोगों ने अपने मकान को बेचने के लिए अपने घरों पर मकान बिकाऊ है का नोटिस लगा दिया था और लोग मकान बेचकर पलायन करने को मजबूर हो गए थे,

ऐसा ही एक मामला राजधानी लखनऊ क सामने आया है। जहां राजधानी लखनऊ के महानगर क्षेत्र में अवैध झुग्गियों में रहने वालों के आतंक से परेशान होकर अपने घरों पर मकान बिकाऊ के पोस्टर लगा लगा दिए हैं।

 आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ के महानगर क्षेत्र में लोगों ने अपने खून पसीने की कमाई से अपना आशियाना बनाया, लेकिन वहीं पास के नाले के ऊपर अवैध रूप से बने हुए झुग्गियों में रहने वाले अराजक तत्व जो कि लगभग सभी तरह के अनैतिक और गैर कानूनी काम करते हैं वो रहते हैं।

पीड़ित लोगों ने आरोप लगाया है कि ये अराजक तत्व आए दिन उनके मोहल्ले में आकर गाली-गलौज मारपीट करते हैं, उनके घर की महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं और विरोध करने पर झुंड में आकर घर के अंदर घुस कर मारपीट करते हैं।

जिससे वहां के लोग काफी भयभीत हो चुके हैं और यही कारण है कि लोग मकान बेचने को मजबूर हैं। हालांकि कुछ लोगों ने तो मकान बेच भी दिए हैं। इस बात की सूचना वहां के लोगों ने राजधानी लखनऊ के लगभग सभी जिम्मेदार अधिकारियों को दी।

लेकिन कहीं से किसी भी तरह की कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई और पूरे मामले पर केवल लीपापोती हो रही है। सूत्रों की मानें तो इन झुग्गियों में रहने वाले अराजक तत्वों की स्थानीय पुलिस से बहुत अच्छी दोस्ती होती है। क्योंकि इस तरह के अराजक तत्व गांजा,स्मैक और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी और बिक्री का कार्य करते हैं।

इसके एवज में स्थानीय थाने पर एक अच्छी खासी मोटी रकम थाने पर दी जाती है। यह तो किसी से छिपा नहीं है कि कुछ पुलिस वालो को अगर पैसा मिले तो वह किसी का भी साथ दे सकते हैं चाहे वह कितना भी बड़ा अपराधी क्यों ना हो। अब चिंता का यह विषय बना हुआ है कि जिन लोगों ने अपने खून पसीने की कमाई से सुकून से रहने के लिए अपना आशियाना बनाया है।

उन्हें प्रशासन और पुलिस के निकम्मेपन की वजह से और अवैध रूप से बनी हुई झुग्गियों में रहने वाले गुंडों की वजह से बेचना पड़ रहा है। राजधानी लखनऊ का यह मामला उत्तर प्रदेश के पूरे लायन आर्डर की धज्जियां उड़ा रहा है और इसके जिम्मेदार केवल स्थानीय पुलिस प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारी हैं।

जिन्होंने पीड़ित लोगों की पीड़ा को नजरअंदाज कर दिया और केवल कागजी कार्यवाही कर लीपापोती कर लोगों की आंख में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर प्रदेश की राजधानी में ही इस तरह के अराजक तत्वों का बोलबाला है, तो पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था किस हाल में होगी, यह हर व्यक्ति समझ सकता है पुलिस प्रशासन नशे के कारोबारियों के आगे नतमस्तक नजर आती है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारी इस तरह से अवैध रूप से रह रहे लोगों का समर्थन करते हैं उन्हें बढ़ावा देते है या अपने खून पसीने की कमाई से बने हुए आशियाने में रहने वाले सम्मानित लोगों का साथ देती है।

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