एक साथ उठी चाचा भतीजे की अर्थी, भर आईं सबकी आंखे

प्रकाश प्रभाव न्यूज़ 

एक साथ उठी चाचा भतीजे की अर्थी, भर आईं सबकी आंखे 

रिपोर्ट, अबूशहमा


बहराइच फखरपुर अनहोनी को कौन टाल सकता है प्रेम लाल व संजय और मैनेजर पवन सिंह के परिवार वालों को क्या पता था कि एक झटके में उनका पूरा कुनबा बिखर जाएगा। एक ओर दोस्त पवन सिंह की अर्थी उठी तो दूसरी तरफ प्रेम लाल व उनका भतीजा संजय की ।सड़क हादसे में हुई इस हृदय विदाकर घटना ने रूकनापुर व सिद्ऱखा गांव को झकझोर कर रख दिया। घटना की जानकारी के बाद पूरे गांव में मातम छा गया। बुधवार की देर रात हुई घटना से वीरवार गांव में चूल्हे नहीं जले। घटना के बाद लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। चारो ओर चीख-पुखार सुनकर और घटना की जानकारी होने पर वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम हो गई।

सड़क हादसे में चाचा प्रेम लाल मुंहबोले भतीजे संजय की मौत के बाद प्रेम लाल35की पत्नी व बेटे विशाल व विकास यहीं कहकर फूटफूटकर रो रही थी कि अब किसे पापा कहेंगे।वही पत्नी हमके छोड़ के कहां चल गइला हे विशाल के पापा इनकी व्यथा सुनकर हर कोई गमगीन हो गया। 

संजय की शादी इसी वर्ष 26 फरवरी को ही भखरौली की रहने वालीआरती से हुईं थी।वही 4 माह भी नही हुये थे शादी के पूरे और उजड़ गई आरती की दुनिया। 

शादी के जोड़े में बंधे सात फेरों के साथ अपना जीवन सुरू ही किया था। की काल के गाल में समा गई इनकी खुशियाँ।संजय की पत्नी आरती किस्मत को कोशती नजर आई आरती की जिंदगी में एसा भूचाल आया कि ज़िन्दगी थम सी गई एक टक निगाह और भगवान से जैसे हजारों सवाल पूँछ रहीं थी।घटना की जानकारी होने पर रिश्तेदार पहुंच गए। सभी एक दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे लेकिन किसी के आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था।फखरपुर थाना क्षेत्र के रुकना पुर चकसौगहना गांव के रहने वाले है चाचा भतीजे।

गजाधरपुर के पास स्थित गीता पेट्रोलियम पर मैनेजर के पद पर कई वर्षों से कार्य कर रहे पवन सिंह में व प्रेम लाल में दोस्ती थी पवन सिंह ने जल्दी ही गीता पेट्रोलियम पर काम भी दिलाया था रात में दोनों दोस्त व भतीजा संजय आपस मे सड़क किनारे रुकना पुर में बात ही कर रहे थे की अनियन्त्रित तेज रफ्तार ट्रक रौंद कर फरहर हो गया मौके पर पहुंची गीता सिंह ने अपनी गाड़ी में लादकर हास्पिटल पहुचाया जहाँ डाक्टरो ने मृत घोषित कर दिया गीता सिंह ने बताया बहुत ही ईमानदारी से पम्प चला रहे थे आज तीन बजे ही छुट्टी लेकर चले गए थे।गीता सिंह ने कहा परिवार की हर सम्भव मद्त की जायेगी।वहीं संजय अपने परिवार की जीविका को चलाने की जिम्मेदारी सँभाली थी सिर्फ संजय के कंधों पर थी घर की पूरी जिम्मेदारी।

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