इलेक्ट्रिकसिटी अमेंडमेंट बिल व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

प्रतापगढ़
18. 08. 2020
रिपोर्ट ----मो. हसनैन हाशमी
इलेक्ट्रिकसिटी अमेंडमेंट बिल व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन ।
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उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ द्वारा आज इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजी करण के प्रस्ताव के विरोध में कोविड-19 के दृष्टिगत विश्व स्वास्थ संगठन के निर्देशों के अनुरूप शारीरिक दूरी के साथ अन्य निर्देशों का पालन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया प्रदर्शन सुबह 10:00 बजे जिलाधिकारी कार्यालय पर शुरू होकर करीब 1 घंटे तक चला प्रदर्शन स्थल पर बिजली कर्मचारी संघ के जिले के उपाध्यक्ष श्री विजय बहादुर सिंह की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के क्षेत्रीय मंत्री हेमंत नन्दन ओझा ने कहा कि अब तक की जानकारी में जहां-जहां भी निजीकरण हुआ है वहां पर विफल रहा है किंतु केंद्र सरकार विफलता के बावजूद वित्तीय मदद देने के नाम पर राज्य सरकारों पर जबरन निजी करण का प्रस्ताव थोप रही है केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ पांडुचेरी अंडमान निकोबार लद्दाख जम्मू एंड कश्मीर में निजीकरण की प्रक्रिया को तेजी से चलाई जा रही है उड़ीसा में सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई अंडरटेकिंग को टाटा पावर को हैंड ओवर कर दिया गया है तीन अन्य विद्युत वितरण कंपनी नेस्को वेस्को और साउथको के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है यह देश व् आम आदमी के लिए किसान के लिए कर्मचारियों और मजदूरों के लिए हितकर नहीं है | उत्तर प्रदेश में पूर्व में हुए समझौते के बावजूद सरकार गुपचुप रूप से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजी करण का प्रस्ताव बना चुकी है निजीकरण की प्रक्रिया का सबसे ज्यादा असर आउटसोर्स कर्मचारियों के माध्यम से कार्यरत कर्मियों पर पड़ेगा और सभी कर्मचारियों का मानसिक शारीरिक शोषण होगा जो पहले से ही शोषित है | किसानों को और आम जनता को भारी विद्युत बिलों को चुकाना पड़ेगा जो अब तक सस्ती बिजली लेते रहे हैं बिजली कर्मियों की लड़ाई में किसानों मजदूरों आम जनता अन्य कर्मचारी संगठनों को भी साथ खड़ा होना होगा।सरकार की ओर से यदि निजी करण के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया गया तो बिजली कर्मी व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। सभा को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के संरक्षक मनोकानिका उपाध्याय ने सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्युतीकरण के विरुद्ध बिजली कर्मियों के आंदोलन को अपना समर्थन करता हूँ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिजली सहित सभी सार्वजनिक उद्योगों को निजी क्षेत्र में ले जा रही है जो देश के हित में नहीं है। किसान सभा के जिला महामंत्री निर्भय प्रताप सिंह ने इस मौके पर विद्युत कर्मियों के आंदोलन का समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ने पर किसान निजीकरण के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे और मजदूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे इस मौके पर आंदोलन का समर्थन भाकपा के जिला मंत्री रामबरन सिंह जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार अनीश देहाती ने भी किया सभा को संबोधित करने वालों में प्रमुख रूप से उक्त के अलावा उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के जिले के उपमंत्री एवं डिवीजन प्रथम के मंत्री मोतीलाल वर्मा गड़वारा उपखंड के मंत्री शिव कुमार सिंह नगरीय उपखंड के मंत्री सत्येंद्र कुमार ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से अश्विनी कुमार सिंह सुनील कुमार पाल जहीर दिनेश कल्लू आशीष कुमार सिंह अमित कुमार मनोज आदि उपस्थित थे। प्रदर्शनकारी मुंह में मास्क बांधे हुए शारीरिक दूरी के साथ झंडा बैनर लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किए | प्रदर्शन के अंत में जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार , केंद्रीय ऊर्जा मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में प्रशासनिक अधिकारी ने प्रदर्शन स्थल पर आकर ज्ञापन प्राप्त किया। प्रदर्शन के उपरांत जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम चेतावनी दी गई है कि सरकार की ओर से निजी करण के प्रस्तााव को वापस न लिया गया मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए निर्णय लेना होगा और आर पार का संघर्ष होगा। और यह भी कहा गया कि सरकार को कोविड-19 से उत्पन्न्न परिस्थितियों के चलते अलोकतांत्रिक रूप से मजदूरों के अधिकारों का हनन निजीकरण नए-नए जन विरोधी अध्यादेश लाने से बाज आना चाहिए।
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