लखनऊ में ई-रिक्शा चालक की मौत: यूनियन ने निभाया इंसानियत का फर्ज, शव को बिहार पहुंचाया।
अमित श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ....🗞
सीने में जलन की शिकायत के बाद अस्पताल में निधन, हृदय गति रुकने से गई जान।
महामंत्री की तत्काल मदद, यूनियन के सहयोग से बिहार में अंतिम संस्कार।
आलम बाग लखनऊ। सोमवार, 3 नवंबर 2025 को लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र में एक हृदय विदारक घटना सामने आई, जहाँ सात साल से अकेले रहकर ई-रिक्शा चलाकर गुजारा कर रहे हजरत अंसारी (उम्र 45 वर्ष) की अचानक मौत हो गई। यह घटना जहाँ एक ओर जिंदगी के संघर्ष को दर्शाती है, वहीं दूसरी ओर ई-रिक्शा यूनियन के मानवीय सहयोग की मिसाल भी पेश करती है।
तथ्यात्मक विवरण
मूल रूप से बिहार के रहने वाले हजरत अंसारी, जिनका परिवार पैतृक गांव में रहता है, सोमवार सुबह 9 बजे अपने सीने में तेज जलन महसूस कर रहे थे। उन्होंने अपनी अकेलेपन और बीमारी को देखते हुए ई-रिक्शा यूनियन आलमबाग के महामंत्री मयंक श्रीवास्तव से मदद की गुहार लगाई।
मयंक श्रीवास्तव ने समय की नजाकत को समझा और जरा भी देर न करते हुए अपनी टीम के साथ हजरत को तत्काल लोकबंधु अस्पताल के आपातकालीन (इमरजेंसी) वार्ड में दिखाया। डॉक्टरों ने जाँच के बाद हजरत अंसारी को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी मौत का कारण हृदय गति का अचानक रुक जाना था।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, ई-रिक्शा यूनियन आलमबाग ने कृष्णा नगर थाने में सूचना दी। मौके पर पहुँची पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के तहत शव का पंचनामा किया और पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम के बाद, यूनियन और रिक्शा चालकों ने आपसी सहयोग से पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक उनके पैतृक गांव बिहार पहुँचाने की व्यवस्था की, ताकि उनका परिवार अंतिम संस्कार कर सके।

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