संस्कार तथा चरित्र ही भारतीय संस्कृति का गौरव--देवानन्द मिश्र

संस्कार तथा चरित्र ही भारतीय संस्कृति का गौरव--देवानन्द मिश्र

प्रतापगढ 


13.12.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी 



संस्कार तथा चरित्र ही भारतीय संस्कृति का गौरव - देवानन्द मिश्र 



 प्रतापगढ़ जनपद के लालगंज  क्षेत्र के नेाती स्थित श्री परांकुश संस्कृत महाविद्यालय मंे रविवार को ढ़ाई दर्जन वटुकों का वैदिक मंत्रोचारण के मध्य तृतीय सामूहिक उपनयन संस्कार संपन्न हुआ। उपनयन संस्कार में पहुंची ग्रामीण महिलाओं ने वटुकों को भीखी की परम्परा के तहत नेक व आशीर्वाद भी प्रदान करती दिखीं। वहीं आचार्य समूह ने मंत्र उच्चारण के मध्य वटुकों के दीर्घ जीवन तथा जीवन पथ के सुयश को लेकर शुभाषीस सौंपा। सामूहिक उपनयन संस्कार को लेकर वटुकों के चेहरे भी खिले दिखे। वहीं वटुक समूह ने भारतीय संस्कृति के सुरक्षा व संवर्धन का सामूहिक प्रतिज्ञान भी किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आचार्य देवानन्द मिश्र ने वटुकों से चरित्र तथा संस्कार के प्रति सदैव समर्पित रहने एवं राष्ट्र सेवा के बोध कराए। बतौर विशिष्ट अतिथि नगर पंचायत लालगंज चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी ने कहा कि उपनयन संस्कार भारतीय संस्कृति का वैभव है। उन्होने भी वटुकों से राष्ट्र धर्म के प्रति जागरूक भूमिका का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य पं. पारसनाथ त्रिपाठी ने किया। संयोजक रामकुमार पांडेय तथा शैलेंद्र ने सामूहिक उपनयन संस्कार की उपादेयता पर प्रकाश डाला। संचालन आचार्य विनीत मिश्र ने किया। वटुक समूह की ओर से अर्जुन त्रिपाठी, शिवम मिश्रा, गौरव द्विवेदी, सत्यम शुक्ला, सरस तिवारी, ललित पांडेय, प्रशांत, कुलदीप, प्रणव मिश्र, शुभांशु, अंकुश शुक्ला आदि ने वैदिक स्वागत तथा उपनयन गीत की प्रस्तुति दी। आभार प्रदर्शन प्रबंधक रामलखन त्रिपाठी ने किया। इस मौके पर नंदलाल त्रिपाठी, यज्ञनारायण भारद्वाज, हनुमान प्रसाद तिवारी, अरूण कुमार द्विवेदी, प्रमोद कुमार पांडेय, विद्याशंकर शुक्ल, आचार्य बालकृष्ण शुक्ल, कुलदीप शुक्ल, शिवशंकर तिवारी, संतोष कुमार मिश्र, मोनू तिवारी आदि रहे।

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